आफरी करेगा अरावली की अपक्षरित भूमि का पुनरूद्धार
जोधपुर। अरावली की अपक्षरित भूमि के पुनरूद्धार हेतु एक विस्तृत कार्यरूप योजना का निर्माण शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (आफरी) करेगा। इस हेतु एक प्रारम्भिक बैठक आयोजित की गई जिसमें विभिन्न वन अधिकारियों, स्वयसेवी संगठन के प्रतिनिधियों, काजरी एवं जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों ने एक भाग लिया।
आफरी निदेशक एमआर बालोच ने बताया कि कार्यक्रम में गुजरात, राजस्थान, हरियाण एवं दिल्ली तक फैली अरावली पर्वतमाला की अपक्षरित भूमि के पुनरूद्धार हेतु अनेक सुझाव दिए गए। इस कार्ययोजना के तहत् 1117.8 किमी लम्बाई की अरावली पर्वतमाला में 4 राज्यों के लगभग 22 जिलों मे कार्य होगा। लगभग 1.5 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र मे पुनरूद्धार कार्यक्रम के तहत् कृषि, राजस्व, सामुदायिक एवं वन भूमि में कार्य होगा। इसक औसत चौड़ाई लगभग 200 किमी होगी। उल्लेखनीय है कि आफरी ने पूर्व में लूणी नदी के पुनरूद्धार पर विस्तृत कार्यरूप योजना का निर्माण किया है। बालोच ने बताया कि इस विषय में जल्द ही विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से विचार विमर्श कर कार्य हेतु योजना बनाई जाएगी।
कार्यक्रम में गुजरात वन विभाग के सेवानिवृत प्रधान मुख्य वन संरक्षक आरएल मीणा, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. एपी सिंह, उदयपुर के मुख्य वन संरक्षक आरके सिंह, अन्तर्राष्ट्रीय संगठन वैपकोस के दिल्ली एवं जयपुर के प्रतिनिधि काजरी के प्रथम वैज्ञानिक डॉ. मोहराना एवं डॉ. संतरा, जयनारायण व्यास विष्वविद्यालय के जिओलोजी विभाग के डॉ. जाखड़, वन विभाग के वन संरक्षक बेगाराम जाट आदि अनेक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।