तत्कालीन सरकार में दी गई आर्थिक प्रताडना से शिक्षकों को मुक्त करने की मांग

सिरोही (जयन्तिलाल दाणा)। राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षामंत्री गोविन्दसिंह डोटासरा के नाम जिला कलेक्टर सिरोही भगवती प्रसाद कलाल को ज्ञापन देकर सेकण्ड ग्रेड से व्याख्याता पद पर पदोन्नत शिक्षकों के चयनित वेतनमान को 9, 18, 27 से बदल कर 10, 20, 30 करने के अपभ्रंश वर्णित आदेश को निरस्त करने एवं पदोन्नत व्याख्याता शिक्षकों को 5400 की ग्रेड पे स्वीकृत कर तत्कालीन सरकार में दी गई आर्थिक प्रताडना से मुक्त करने की मांग की। संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने बताया कि आरपीएससी से सीधी भर्ती से व्याख्याता पद पर चयनित शिक्षको को 10, 20, 30 वर्ष पर चयनित वेतन मान देने के आदेश किये हुये हैं। राज्य में जो हजारों शिक्षक सेकंड ग्रेड से व्याख्याता पर पर पदोन्नत हुये जिन्हे पदोन्नति पूर्व सेवारत 9, 18, 27 वर्ष पर चयनित वेतन मान का लाभ मिल रहा था। उपरोक्त एसीपी आदेश की मन्त्रालिक स्तर पर अपभ्रंश व्याख्या किये जाने से उनके लिये पदोन्नति आर्थिक प्रताडना का कारण बन गई। सेकण्ड ग्रेड से व्याख्याता पद पर पदोन्नत शिक्षकों को भी 9-18-27 के स्थान पर 10-20-30 वर्ष का चयनित वेतन मान मान्य किया जा रहा हैं जिसका दुष्परिणाम यह हैं कि एक ओर शिक्षक को उच्च कक्षा में अध्ययन के लिये जिम्मेदारी बढाकर पदोन्नत किया जा रहा हैं। वहीं दुसरी ओर उसी पदोन्नत शिक्षक के चयनित वेतन मान के लाभ को आगे खिसकाकर आर्थिक रूप से दण्डित किया जा रहा है। डीपीसी पर कम से कम एक वेतन वृद्धि तक का लाभ भी नहीं दिया जा रहा। 10-20-30 वर्षीय चयनित वेतनमान केवल आरपीएससी से सीधी भर्ती से व्याख्याता पद पर चयनित शिक्षकों ये लिये लागु है।
चयनित वेतनमान को यथावत रखा जाए
इसकी सबसे बडी विडम्बना यह हैं कि अनेक शिक्षक जो सेकण्ड ग्रेड में रहते 25-26 साल की सेवा पुरी कर चुके उन्हें 27 वे साल की बजाय पदोन्नति के दुष्परिणामतः 30 वे साल चयनित वेतनमान का लाभ मिलेगा जो भारी आर्थिक प्रताडना का कारण बन रहा हैं। सेकण्ड ग्रेड से पदोन्नत शिक्षको के चयनित वेतनमान को यथावत 09-18-27 वर्षीय ही रखने के आदेश देकर आर्थिक राहत प्रदान की जावे। राज्य में उच्च माध्यमिक विधालय के प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति हेतु व्याख्याता तथा माध्यमिक विधालय के प्रधानाध्यापक दोनों ही की डीपीसी होकर पदस्थापन किया जाता हैं। लेकिन तत्कालीन सरकार द्वारा वेतन विसंगति के दुष्परिणाम के चलते सेकण्ड ग्रेड से पदोन्नत होकर व्याख्याता बनने पर ग्रेड पे 4800 प्राप्त होती हैं जब कि उसी सेकण्ड ग्रेड से सेकण्डरी प्रधानाध्यापक की ग्रेड पे 5400 लागु है। एक व्याख्याता अध्यापन की दृष्टि से सेकण्डरी प्रधानाध्यापक से भी उच्च कक्षाओं में अध्यापन के साथ विभिन्न प्रभारों की जिम्मेदारी का निर्वहन करता हैं उसके बावजुद उसे निम्न ग्रेड पे पर रखा जाकर तत्पश्चात दोनों को ही पदोन्नति पर समान प्रधानाचार्य पद पर पदस्थापन किया जाता हैं। सेकण्ड ग्रेड से व्याख्याता पद पर पदोन्नत शिक्षको को 5400 की ग्रेड पे का लाभ दिये जाने की मांग की।
इनकी रही उपस्थिति
प्रतिनिधि मंडल में जिलाध्यक्ष विक्रमसिंह सोलंकी, जिलामंत्री इनामुल हक कुरैशी, अध्यक्ष उपशाखा सिरोही देवेश खत्री, धर्मेन्द्र खत्री, इंदरमल खंडेलवाल, रामावतार, गुरूदीन वर्मा, शैलेन्द्र सिंह, सतीश मीणा, धीरेन्द्र सिंह, भंवरसिंह दहिया, अय्यूब खान, सविता शर्मा, ओमजीलाल शर्मा सहित अनेक शिक्षक नेता उपस्थित थे।

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Gulam Mohammed

(EDITOR SEVA BHARATI NEWS) ==> Seva Bharti News Paper Approved Journalist, Directorate of Information and Public Relations, Rajasthan, Jaipur (Raj.), Mobile 7014161119 More »

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