विधायक लोढा ने माउंटआबू में साल गांव बांध की स्वीकृति का मामला विधानसभा में उठाया

– साल गांव बांध परियोजना से काश्तकारों को लाभ मिलने, भू-रक्षण पर रोक लगने
– वन्य जीवों को पीने का पानी मिलने व वर्षा के पानी के सदुपयोग होने के गिनाए लाभ

सिरोही (जयन्तिलाल दाणा)। विधायक संयम लोढा ने राजस्थान विधानसभा के प्रक्रिया व कार्य संचालन के नियम 295 के तहत विशेष उल्लेख में माउंट आबू साल गांव बांध की स्वीकृति जारी करने की मांग राज्य विधानसभा में रखी। विधायक संयम लोढा ने बांध के बारे में बताया कि साल गांव बांध परियोजना के तहत 155-156 मिलयन घन फीट भराव क्षमता का बांध बनना प्रस्तावित है इससे माउंट आबू वासियो के लिए स्थायी रूप से पेयजल का समाधान हो जाएगा। इसके अलावा बांध से रिसने वाले पानी से काश्तकारों की भूमि सिंचाई हो सकेगी। भू-रक्षण पर रोक लगने और वन्य जीवों को भी पीने का पानी मिल जाएगी। लोढा ने इस बांध से सबसे बडा लाभ यह भी बताया कि बारिश के दिनों में जो पानी व्यर्थ बहकर चला जाता है बांध का निर्माण होने से एक एक बून्द का सदुपयोग हो सकेगा।
44 साल से धरातल पर उतर नहीं पाई साल गांव बांध परियोजना
विधायक संयम लोढा ने राज्य विधानसभा में विस्तार से बताया कि माउंट आबू में पेयजल व्यवस्था के स्थायी समाधान के लिए 1977 में बनायी गयी साल गांव बांध परियोजना पिछले 44 साल से धरातल पर नही उतर पायी है। बांध की परिकल्पना के दिन इस परियोजना पर 44 साल पहले महज 27 लाख रूपये खर्च होकर यह बांध बनना था लेकिन समय पर स्वी$कृति नही मिलने से अब उसकी लागत बढकर 250 करोड रूपये तक पहुंच गयी है। स्वीकृति की देरी के कारण में बताया कि 3 अगस्त 2000 वन विभाग ने केन्द्र सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा, दिनांक 26 फरवरी 2002 को योजना कुछ कारण बताते हुए निरस्त कर दी गई। दिनांक 3 जनवरी 2006 को पुन संशोधित योजना बनाकर जलदाय विभाग की ओर से वन विभाग को सुपुर्द की गई, इस कालांतर में लागत बढकर 33 करोड 16 लाख रूपये हो गयी। दिनांक 14 सितम्बर 2006 को विभाग की ओर से सक्षम स्वीकृति की अनुशंसा की गई और 27 नवंबर 2006 को भारतीय वन्य जीव मंडल को पुनरू भेजने की मांग की जिस पर जलदाय विभाग ने 8 मई 2007 को वन विभाग को यह योजना दी। 14 मई 2007 को वन विभाग ने फिर इस परियोजना की अनुशंसा की, दिनांक 8 अक्टूबर 2007 को केन्द्रिय पर्यावरण वन मंत्रालय नई दिल्ली ने इसे प्रथम दृष्टया स्वीकृ त कर स्टैडिंग कमेटी को निर्माण स्थल निरीक्षण के निर्देश दिये। 16 फरवरी 2008 कमेटी की ओर से अधिकारियों ने निरीक्षण किया। 29 जून 2010 को कैंचमेंट ऐरिया पर बांध की मूल लागत से कई गुणा अधिक व्यय आने व व्यवहारिक बताते हुए फिर योजना निरस्त कर दी गई।
प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति का इंतजार
विधायक संयम लोढा ने विधानसभा में बताया कि कुछ माह बाद योजना पर फिर कवायद शुरू हुई और 27 जून 2012 को संसदीय कमेटी की ओर से मौका निरीक्षण किया एवं योजना का प्रारूप बना। दिनांक 29 जुलाई 2016 को मुख्यमंत्री के समक्ष परियोजना का मुद्दा उठा, अगस्त 2016 में राज्य वाईल्ड लाईफ बोर्ड ने आंशिक संशोधन कर सैद्वान्तिक स्वीकृति दी। 15 मई 2017 को नेशनल वाईल्ड लाईफ बोर्ड की ओर से परियोजना को सैद्वान्तिक स्वीकृति मिली। कुछ समय पूर्व ही 250 करोड रूपये की डीपीआर संबंधित विभाग की ओर से सचिव मंडल को सम्प्रेषित की गई है जिसकी प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति का इंतजार है। विधायक संयम लोढा ने सरकार से साल गांव बांध परियोजना को बहु उद्देशीय व लोक कल्याणकारी बताते हुए इसकी प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति जारी करने की सदन में मांग रखी।

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Gulam Mohammed

(EDITOR SEVA BHARATI NEWS) ==> Seva Bharti News Paper Approved Journalist, Directorate of Information and Public Relations, Rajasthan, Jaipur (Raj.), Mobile 7014161119 More »

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