शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकार में वीसी का आयोजन किया गया
पाली। जिले में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए इन्टिग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस प्रोजेक्ट में पुलिस सहित कई विभाग मिलकर काम करने के संबंध में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकार में वीसी का आयोजन किया गया।
जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी अनिल राजपुरोहित ने बताया कि प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं में देशभर में हजारों लोगों की जान चली जाती है तथा मरने वालों से कई गुना ज्यादा घायल हो जाते है। कई जगह लगातार हादसों के बावजूद हालात नहीं सुधरते। अब ऐसी जगहों पर दुर्घटनाओं में कमी लाने की कवायद शुरू की गई है। इसके लिए राज्य में सड़क दुर्घटना के आंकड़ो का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। केन्द्र सरकार के इन्टिग्रेटेड रोड एक्सीडेन्ट डेटाबेस प्रोजेक्ट (प्त्।क्) के तहत देष के राजस्थान समेत 6 राज्यों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है। राजस्थान में भी सर्वाधिक दुर्घटना वाले जयपुर, जोधपुर, अलवर तथा अजमेर जिलों में पायलट जिलो के रूप में कार्य शुरू किया गया है। शेष जिलो में पुलिस, परिवहन, सर्वाजनिक निर्माण विभाग, चिकित्सा विभाग व एनएचआई मिलकर एनआईसी द्वारा तैयार किये गये मोबाइल एप के जरिए काम शुरू होने जा रहा है।
सेफ रोड़ फाॅर आॅल केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए प्रोजेक्ट के तहत इंटीग्रेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस प्रोजेक्ट (आईरेड) तैयार किया गया है। इसके तहत एक साल तक सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए अध्ययन किया जाएगा। जिससे पता चलेगा कि एक्सीडेंट किन कारणों से हो रहा है और इसमें किस तरह से कमी लाई जाए। इसके लिए वेब एप्लीकेषन एवं मोबाइल एप तैयार की गई है।
तमिलनाडु ने घटाई सड़क दुर्घटनाएं तमिलनाडु में पुलिस, ट्रांसपोर्ट, पीडब्ल्यूडी, चिकित्सा विभाग व एनएचआई ने समन्वय से एप के जरिये सड़क दुर्घटनाओं में एक वर्ष में 40 फीसदी कमी दर्ज की है। तमिलनाडु में वर्ष 2016 में सड़क दुर्घटना के 71 हजार 430 मामले सामने आए जबकि 2019 में इनकी संख्या 57 हजार 230 मामले ही समाने आए। तमिलनाडु से प्रेरित होकर अब इसे देषभर में लागू किया जा रहा है।
जिले के पुलिसकर्मियों को मिला प्रषिक्षण: पाली में इस माॅडल के लिए प्रथम चरण में जिला पुलिस महकमे के सभी थानों के 40 पुलिस कर्मियों को एक दिवसीय एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस प्रषिक्षण एनआईसी के जिला सूचना विज्ञान अधिकारी अनिल पुरोहित, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डाॅ तेजपाल सिंह, अतिरिक्ति जिला सूचना विज्ञान अधिकारी कपिल उज्वल, काॅिडनेटर दिव्यांषु शर्मा द्वारा प्रषिक्षण सत्र मंे विभिन्न उपयोगी जानकारी दी गई।
अस्पताल में पहले से होगी इलाज की तैयारी: पुलिसकर्मी दुर्घटना स्थल पर मोबाइल एप्प के जरिए विवरण दर्ज करेंगे। इसमें घटना में प्रभावित व्यक्ति का नाम, उम्र, पता, वाहन नम्बर, लाइसेंस संख्या, स्थान, दुर्घटना का संभावित कारण, फोटो तथा वीडियो अपलोड किया जाएगा। प्रक्रिया पूरी होते ही हादसे की सूचना संबंधित आरटीओ/डीटीओ, स्वास्थ्य विभाग, एनएचआई व पीडबल्यूडी के पास पहुंच जाएगी। इस आधार पर दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के इलाज सम्बन्धी तैयारी अस्पताल में होगी। पाली जिले में प्रोजेक्ट शीघ्र लागू किया जा रहा है। संबधित विभागों का प्रषिक्षण शुरू किया गया है।
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