बाजरा फसल में लट प्रकोप नियंत्रण के उपाय
सेवा भारती समाचार
जोधपुर। कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों एवं कृषि विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम द्वारा जिले के विभिन्न स्थानों पर सर्वेक्षण करने पर कई स्थानों पर पहली बार कई इलाकों में बाजरा फसल में हरी लट का प्रकोप दिखाई दिया। उन्होंने किसानों को इसके नियंत्रण के लिए उपाय बताए है। उप निदेशक (कृषि) वीरेन्द्रसिंह सोलंकी ने किसानों को सुझाव दिया कि रात्रि के समय पंतगों को लाइटट्रेप पर आकर्षित कर नष्ट करें ताकि इसकी बढवार रोकी जा सकें। जहंा पर कीट का प्रकोप अधिक है वहा लट की छोटी अवस्था में क्यूनालफास 25 प्रतिशत ई सी या मेलाथीयान 50 प्रतिशत ई सी 2 एम एल प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिडक़ाव करें तथा लट बडी होने पर डेल्टामैथीन 2.8 प्रतिशत ईसी या फैनवलरेट 20 प्रतिशत ई सी 1 मिलि. प्रति लीटर पानी में घोलकर छिडक़ाव करें। यदि लटो की संख्या कम हो तो सप्ताह में एक दो बार हाथों से चुनकर नष्ट करें। उन्होंने बताया कि बाजरा फसल की ऊंचाई अधिक होने के कारण ट्रेक्टर मंाउटेयर स्प्रेयर से छिडक़ाव करें तथा इसमें पूर्ण सावधानियंा बरती जाएं जिसमें पूर्ण सुरक्षात्मक कपडे, मास्क, ग्लब्स, चश्मा एवं टोपी लगाकर छिडक़ाव करें, अधिक धूप या गर्मी के समय छिडक़ाव नहीं करें, भूखे पेट छिडक़ाव नहीं करें तथा छिडक़ाव के समय धु्रमपान, जर्दा, तम्बाकु का सेवन नहीं किया जाएं, छिडकाव के समय हवा की दिशा में छिडक़ाव करें जिससे कीटनाशी छिडक़ाव करने वाले की तरफ न उडे। उन्होंने बताया कि जो बाजरा पकने की स्थिति में है उसमें लट अधिक नुकसान नहीं करेगी, इसमें छिडकाव नहीं करें तथा जिन खेतो में बाजरे में फूल आ रहा है तथा दाने छोटे दूधिया है उसमें ही छिडकाव किया जाएं।