जीरावला तीर्थ में भरा पौष दशमी का मेला, जैनाचार्य के प्रवचन भी हुए
सिरोही | जीरावला पाश्र्वनाथ तीर्थ में शुक्रवार को भगवान पाश्चर्वनाथ का जन्म कल्याणक आचार्य भगवंत अजीतयश सूरीश्वर महाराज के सानिध्य में उत्साहपूर्वक मनाया गया। पौष दशमी मेले पर जीरावला पाश्र्वनाथ महातीर्थ में कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। प्रभु की सोने की आंगी रंचना, प्रभु भक्ति, प्रवचन, प्रभु का जन्म कल्याणक वरघोड़ा सहित कई कार्यक्रम आयोजित हुए। प्रवचन में आचार्य भगवंत अजीतयश सूरीश्वर महाराज ने कहा कि प्रभु का हृदय में जाना, वहीं सच्चा प्रभु का जन्म कल्याणक है। जैन धर्म में तप के साथ साथ दान व दया का भी विशेष महत्व है। दान व दया के बिना जीवन अधूरा है। आचार्य ने बताया कि यहां से गुरुदेव राजस्थान के राणकपुर तीर्थ की यात्रा करते हुए उदयपुर के लिए विहार करेंगे। 25 फरवरी को गुरुदेव के सान्निध्य में उदयपुर के केशरीयाजी महार्तीर्थ का छरी पालक संघ यात्रा का महाप्रयाण होगा। जीरावल तीर्थ में 400 आराधक अठम तप की तपस्या कर रहे है। प्रवचन समापन पर मेले के लाभार्थी परिवार की ओर से आचार्य भगवतों का कामली ओढ़ाकर बहुमान किया गया। साथ ही जीरावला ट्रस्ट मंडल की ओर पौष दशमी मेला लाभार्थी शाह मुलकचंद छंगाजी परिवार निवासी पुरण जालोर व चातुमार्च आयोजक रमणदेवी ज्ञानचंद पूनमचंद गांधी परिवार का बहुमान किया गया। इस दौरान प्रवचन मे जीरावला तीर्थ के वार्षिक चढ़ावे बोले गए। इस मौके तीर्थ अध्यक्ष रमणभाई मुथा, सचिव प्रकाश के संघवी, ट्रस्टी किशोरभाई गांधी, सुरेशभाई मेहता सहित सभी ट्रस्टी उपस्थित थे।