लम्बी उम्र पाना हमारे हाथ में: राष्ट्र-संत श्री चन्द्रप्रभ

जोधपुर। राष्ट्र-संत श्री चन्द्रप्रभ ने कहा कि हम उम्र के चाहे जिस मोड़ पर खडे़ हों, हमारी धड़कनों में नशा ज़िंदगी जीने का होना चाहिए। जो जीवन के प्रति उत्साह और उम्मीदों से भर रहते हैं, वे न केवल हमेशा स्वस्थ रहते हैं, बल्कि लम्बी उम्र के भी मालिक बनते हैं।
कायलाना रोड स्थित संबोधि धाम में आयोजित मोटिवेशनल सेमिनार में संतश्री चन्द्रप्रभ ‘लम्बी उम्र के उपायों’ पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीवन में रिटायर होने की जल्दबाजी न करें। हम जितना लेट रिटायरमेंट लेंगे, उतने ही अधिक तन-मन से स्वस्थ और सक्रिय रह पाएँगे। भले ही हम 60 की उम्र तक परिवार के लिए जिएँ, पर 60 के बाद सामाजिक हितों के लिए अपने आपको समर्पित करें। केवल परिवार के लिए जिएँगे तो हमारी दुनिया केवल चार लोगों तक सीमित रहेगी, पर सामाजिक हितों के लिए जीवन समर्पण करेंगे तो सारी दुनिया हमारी होगी।
संतश्री ने कहा कि ये निहायत जरूरी है कि हम फिजिकल रूप से सक्रिय रहें। घुटना, कमर दर्द और मोटापे जैसी बीमारियाँ इसी वजह से पनपी हैं कि हम लोगों ने सक्रियता की बजाय आलस्य और बाबूसाहिबी को अपने गले लगा लिया, खुद को लाडसाहब बना बैठे। अच्छा होगा कि हम हर दिन अपने शरीर से इतना काम अवश्य कर लें, जो ताउम्र हमें फिट बनाए रखने में मदद करे।
उन्होंने कहा कि लम्बी उम्र पाने के लिए जरूरी है कि हम जीने के लिए खाएँ, न कि खाने के लिए जिएँ। पहले हम अनलिमिटेड खाएँगे, फिर पेट का ऑपरेशन कराकर पेट को छोटा करवाएँगे। सबसे अच्छा है- हम हर दिन खाना एक अथवा दो बार खाएँ। बाकी फल, सलाद, दूध, नारियल पानी, छाछ आदि का उपयोग करें। किसी भी हालत में खुद को ओवरवेट न होने दें।
उन्होंने युवा पीढ़ी को संबोधित करते हुए कहा कि हम हर हाल में अंदर से खुश रहें। अंदर की खुशी ही हमें रिलेक्सेशन की ओर ले जाती है। लोग बाहर से तो मुस्कुरा लेते हैं, पर अंदर से खुश रहेंगे तो ही लम्बा जीवन जी पाएँगे। अपने अंदर के बच्चे को हम कभी मरने न दें। ज्यादा नियमों में उलझने की बजाय बच्चे की तरह अपना सहज जीवन जिएँं। खुद को भौतिक चीजों में ज्यादा न उलझाएँ, सामानों को इकट्ठा करने की बजाय सुखी और नेकी का जीवन जिएँ।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button