समस्याओं का समाधान करती है राजनीति: प्रो. त्रिपाठी

जोधपुर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग की ओर से राजनीति में नैतिकता और नैतिक मूल्यों का सुदृढीकरण: अवधारणा और तत्कालीन मुद्दे विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक (मध्यप्रदेश) के कुलपति ने प्रो एसपीएम त्रिपाठी ने कहा कि राजनीति आज अत्यधिक महत्वपूर्ण हो चुकी है। राजनीति समस्याओं का समाधान करती है। यह एक महत्वपूर्ण विधा है। साथ ही राजनीति शासन संचालन की विधा भी है तथा यह सामाजिक सरोकार एवं राजनीतिक तानाबाना वाली शासन व्यवस्था से जुडा है।
प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि साधनारत लोक कल्याण की दिशा में जो परिश्रम करते हैं उन्हें पुरस्कार प्राप्त होता है तथा जो अन्नकोष की पर्याप्त व्यवस्था रखता है वह पूरी जनसंख्या का भरणपोषण करता है। भारतीय राजनीति आध्यात्मिकता पर आधारित है तथा वह नैतिकता से ही सुदृढ हो सकती है जिसके लिए नैतिकता, सत्यनिष्ठा एवं सदाचार आवश्यक है। सकारात्मक भाव भी नैतिकता का ही रूप है तथा हमारे जीवन में सत्य, प्रेम और करूणा ही नैतिक मल्य हंै। जीवन के मल्य कभी अलग नहीं होते। सत्य को ही नारायण कहा गया है। प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि परहित सरस धरम नहीं कोई अर्थात जनता के हित में ही शासक का हित निहितार्थ होता है।
विषय विशेषज्ञ के रूप में लोक प्रशासन के विद्वान प्रो. रमेश के अरोडा ने कहा क गुड और बैड (अच्छा और बुरा )की परिभाषा नहीं बदली जा सकती है। नैतिकता के कई आयाम होते हैं। राजनीतिज्ञों को कत्र्तव्यनिष्ठ, ईमानदार, निष्पक्ष, वस्तुनिष्ठ सेवाभावी एवं व्यवस्था के प्रति सम्मान करने वाला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिज्ञों का मनोबल बढाना चाहिए जिससे वे जनता ही सेवा के लिए प्रेरित हो सके।
जेएनवीयू कुलपति प्रो. प्रवीन चन्द्र त्रिवेदी ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि सभी राजनीतिज्ञ खराब नहीं होते हैं। यह देश अच्छे लोगों की वजह से ही चल रहा है। कला संकाय अधिष्ठाता प्रो. किशोरी लाल रेगर, संयोजक व विभागाध्यक्ष प्रो. कांता कटारिया, समन्वयक डॉ. जनक सिंह मीना ने विचार रखे। डॉ. दिनेश गहलोत ने संचालन किया।

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