श्रद्धालुओं को सुनाया सुदामा चरित्र का मार्मिक प्रसंग
जोधपुर। जालेली चम्पावता ढाका की ढाणी स्थित महादेव गौशाला परिसर में चल रही सात दिवसीय संगीतमय भागवत कथा के दौरान कथावाचक संत सुनील महाराज ने सुदामा चरित्र का मार्मिक प्रसंग श्रद्धालुओं को सुनाया। सुदामा चरित्र का वर्णन सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे।
सुनील महाराज ने कहा कि कभी भी मित्र के साथ धोखा नही करना चाहिए। उन्होंने बताया कि भागवत कथा ही ऐसी कथा है, जिसके श्रवण मात्र से ही मनुष्य मोक्ष की प्राप्ति कर लेता है। भगवान कृष्ण के सामान कोई सहनशील नहीं है। क्रोध हमेशा मनुष्य के लिए कष्टकारी होता है। इसके साथ कथा के अंतिम दिन कृष्ण लीला में श्री कृष्ण का जन्म, बाल कथा, मधुवन में गोपियों के साथ रास-लीला उसके बाद कंश वध आदि गाथाओ का वर्णन हुआ। सुनील महाराज ने संवरा थारी मायारों पायो कोनी पार भेद कोनी जाणु रे दयालु दीनानाथ भजन सुनाया। सभी श्रद्धालुओं ने उत्साह पूर्वक श्रवण किया। कथा में इस अवसर पर हीरालाल ढाका, पुनाराम, दानाराम, डुंगरराम, जेठाराम, रामचन्द्रराम, ढगलाराम, मालाराम, ओमराम, रामदीन, अमाराम, देवाराम, दौलाराम, गोपाराम, जेठाराम, सुरजाराम, मोटाराम, गंगाराम, पुखराज, कालूराम, रामदीन, भीयाराम, गणपत, खेताराम, अशोक, महेंद्र, उम्मेद, सुनील आदि कथा के दौरान उपस्थित थे।