माचिया किले को तीर्थस्थल की तरह विकसित करेंगे : शेखावत
- केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ने किया ऐतिहासिक किले का अवलोकन, स्वतंत्रता सेनानियों को दी श्रद्धांजलि
जोधपुर। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने सोमवार को ऐतिहासिक माचिया किले पहुंच कर स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित किए। कीर्ति स्तम्भ के समक्ष नमन किया। शेखावत ने स्वतंत्रता सेनानियों के इस पवित्र स्थल को विकसित करने के साथ माचिया पार्क का द्वितीय चरण में पर्यटन की दृष्टि से विकास करवाने पर विस्तार से अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने पुराने किले का अवलोकन किया।
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने बताया कि जोधपुर शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित माचिया किला रियासतकालीन है। इसे अंग्रेजों ने जेल में बदल दिया था। जेल में उन स्वतंत्रता सेनानियों को प्रताड़ना के लिए लाया जाता था, जो देश को आजादी दिलाने के लिए पूरे भारत में स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहे थे। इस दौरान कई सेनानियों ने अपनी जान गंवाई तो कई को अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया था। 30 से 32 स्वतंत्रता सेनानियों को जोधपुर जेल से निकालकर काला पानी की सजा देने के लिए माचिया किले में 1942 से 1943 के बीच 8 महीनों तक भयंकर प्रताड़ना दी गई। उस दौरान स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को उनसे मिलने नहीं देते थे। कुछ परिजनों को 10 फीट की दूरी और छोटे-छोटे झरोखे से कुछ मिनट बात करने दी जाती थी।
शेखावत ने बताया कि वर्तमान में करीब 3 लाख पर्यटक प्रतिवर्ष आ रहे हैं। इस ऐतिहासिक स्थल को पवित्र तीर्थस्थल की तरह विकसित कर देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनाया जाएगा। गौरतलब है कि माचिया किले में स्वतंत्रता सेनानियों को जहां यातनाएं दी गई थीं, वहां उनकी तस्वीरें तो लगी हुई हैं, लेकिन किले के द्वार साल में दो ही दिन 15 अगस्त और 26 जनवरी को खुलते हैं।