गैलंट्री अवॉर्ड विजेता और वीरांगनाओं का किया गया सम्मान
मूल्य निर्माण से राष्ट्र निर्माण ” विषय पर हुई संगोष्ठी
जोधपुर| शहर के रामलीला मैदान में आयोजित हो रहे पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव 2024 के तहत सोमवार को ” मूल्य निर्माण से राष्ट्र निर्माण- आओ अपने वीरों को पहचानो ” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उत्सव आयोजन समिति एवं आईएमसीटीएस के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में स्कूली बच्चों को हमारे वीर शहीदों के बारे में जानकारी दी गई और लघु नाटिकाओं के माध्यम से जलवायु, पर्यावरण संरक्षण जैसे ज्वलंत विषयों के बारे में बताया गया। कार्यक्रम में आईएमसीटीएस के राष्ट्र संयोजक गुणवंत सिंह कोठारी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे वही रिटायर्ड एयर मार्शल जगदीश चंद्र, रिटायर्ड मेजर जनरल नरपत सिंह राजपुरोहित विशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद रहे। मुख्य वक्ता के रूप में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गुणवंत सिंह कोठारी ने कहा कि देश के सैनिक सबसे बड़ी धरोहर होती है और जिस देश के सैनिक सशक्त, बुद्धिमान और रण कौशल से युक्त होते हैं , वही देश विकसित एवं समृद्ध राष्ट्र बन सकता हैं और जिनकी सेना कमजोर होती है, उनकी सीमाओं पर अतिक्रमण होता रहता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी कूटनीतिक हार होती है। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि भारतीय सेना विश्व के अग्रणी सशक्त सेनाओं से एक है और आज शौर्य पदको से सम्मानित सैनिक एवं वीरांगनाओं का सम्मान कर जोधपुर की धरती स्वयं को गौरांवित महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि हमें पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी गंभीरता पूर्ण कार्य करने की आवश्यकता है। रिटायर्ड मेजर जनरल नरपत सिंह राजपुरोहित ने कहा कि भारतीय सैनिक उच्चतम शौर्य प्रदर्शित करने के लिए अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं, हाल ही में कई बार भारतीय सैनिकों ने अपने अद्मय साहस और शौर्य का प्रदर्शन कर दुश्मन देश के दांत खट्टे किए हैं। रिटायर्ड एयर मार्शल जगदीश चंद्र ने कहा कि भारतीय वायु सेवा का एक गौरवशाली इतिहास रहा है और जिस तरह से बालाकोट स्ट्राइक के दौरान भारतीय वायु सेना के मिग-21 विमान ने पाकिस्तानी f-16 विमान को धराशाही किया, वह हमारे जांबाज वायु सैनिकों के युद्ध कौशल को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि देश में जितना अधिक सैनिकों और वीरांगनाओ का सम्मान बढ़ेगा, उतना ही हमारे देश के सैनिकों के उत्साह एवं आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी और आत्म विश्वास से परिपूर्ण सेना ही देश के सीमाओं की रक्षा कर सकती है।
*स्कूली बच्चों ने देशभक्ति कार्यक्रमों की दी प्रस्तुतियां*
देश की युवा पीढ़ी को हमारे शहीदों के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में शहर की 17 से अधिक स्कूलों के लगभग 500 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में वीडियो- ओडियो प्रेजेंटेशन के माध्यम से 21 परमवीर चक्र विजेताओं के बारे में जानकारी दी गई और उनके जीवन के बारे में बताया गया। मेला उत्सव समिति और आईएमसीटीएस की ओर से 10 गैलंट्री अवॉर्ड विजेताओं और 12 वीरांगनाओं का शॉल ,श्रीफल एवं सम्मान राशि देकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने शहीद मेजर शैतान सिंह के युद्ध प्रसंग का लघु नाटिका के माध्यम से जीवंत प्रदर्शन कर सभी को आत्म विभोर कर दिया | वहीं देशभक्ति गीतों पर प्रस्तुति से पूरा पंडाल भारत माता के जयकारों से गूंज उठा। स्कूली छात्रों ने वन एवं वन्य जीव संरक्षक, पारिस्तिथि संरक्षण, जलवायु और पर्यावरण संरक्षण पर भी लघु नाटिका की प्रस्तुति दी। मेला संयोजक घनश्याम ओझा ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव में इस बार भारतीय संस्कृति और देशभक्ति की भावनाओं से ओत प्रोत कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं । कार्यक्रम की शुरुआत में मेला समन्वयक महावीर चोपड़ा ने सभी उपस्थित गैलंट्री अवॉर्ड विजेता, वीरांगनाओ और स्कूली छात्र-छात्राओं का स्वागत किया। इस अवसर पर लघु उद्योग भारती प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल अग्रवाल, समन्वयक जयंत सांखला, निफ्ट पीआरओ डॉ मनीष शर्मा, सुनीता गहलोत, चंद्र प्रकाश गुप्ता, चंद्रशेखर दवे, श्रेयांशी सांखला, कन्हैयालाल पंचारिया, जुबिन सांखला सहित सेना के अधिकारीगण और लगभग 80 विद्यालयों के संस्था प्रधान उपस्थित थे।