दिव्यांग विद्यार्थियों की ऑनलाइन शिक्षा पर आयोजित हुआ वेबीनार


जयपुर। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् के राज्य परियोजना निदेशक डॉ. भंवर लाल की अध्यक्षता में मंगलवार को कोरोनाकाल में विशेष आवश्यकताओं वाले विद्यार्थियों के ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था करने व आवश्यक ई कंटेंट उपलब्ध कराने के विषय पर वेबीनार का आयोजन हुआ। डॉ. भंवर लाल ने कहा की विभाग को दिव्यांगों की शिक्षा हेतु कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर ऎसी योजना बनानी चाहिए जिससे कोरोनाकाल में दिव्यांग विद्यार्थियों की शिक्षा में कोई गतिरोध उत्पन्न न हो तथा विभाग डिजिटल माध्यम से दिव्यांग विद्यार्थियों के शिक्षण का कार्य निरंतर जारी रखे ताकि वो समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने कहा की प्रदेश के 88 हजार 457 दिव्यांग विद्यार्थियों एवं शिक्षा से वंचित शेष सीडब्ल्यूएसएन बच्चों को चिन्हित करके उन्हें शिक्षा से जोड़ना, कोरोनाकाल में उनकी शिक्षा को अनवरत जारी रखना तथा उनकी समुचित काउंसलिंग करना विभाग की प्राथमिकता है। 
स्वामी ने सुझाव दिया की दिव्यांग विद्यार्थियों की विशेष आवश्यकताओं के अनुसार मैपिंग होनी चाहिए और उसके अनुरूप ऑनलाइन व दूरस्थ शिक्षा हेतु लनिर्ंग टूल्स विकसित किये जाने चाहिए। दिव्यांग विद्यार्थियों हेतु एक विशेष अभियान चलाया जायेगा जिसमें एक समग्र दृष्टिकोण से कार्य करते हुए ब्लॉक लेवल तक शिक्षाकर्मियों तथा स्वंयसेवियों के माध्यम से दिव्यांग विद्यार्थियों  तक पहुँचने का प्रयास किया जायेगा। विद्यार्थिओं की वर्कशीट्स के माध्यम से उनकी प्रगति को ट्रैक किया जायेगा व उसके आधार पर उनका विशिष्ट पोर्टफोलियो तैयार होगा। स्वामी ने कहा की विभिन्न विषयों पर सांकेतिक भाषा में, सबटाइटल व एनीमेशन युक्त ऑनलाइन क्लासेज दिव्यांग विद्यार्थियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे यूट्यूब, मिशन ज्ञान आदि पर उपलब्ध कराई जायेगी तथा ब्रेल प्रिंट तथा लार्ज प्रिंट में पाठ्यपुस्तकें छपवाकर शीघ्र सुलभ कराई जायेगी । अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक श्रीमती रश्मि शर्मा ने बताया की विभाग अनेक स्वयंसेवी संस्थाओं की सहभागिता से दिव्यांग विद्यार्थियों के कल्याणार्थ विविध कार्यक्रम चला रहा है।
 दिव्यांगों हेतु कृत्रिम अंग व उपकरण बनाने वाली संस्था एलिम्को द्वारा समय समय पर जिला शिक्षा अधिकारीयों के सहयोग से जिलों में शिविर आयोजित किये जाते है जिनमे आमजन को बच्चों की 21 तरह की अक्षमताओं के प्रति जागरूक और संवेदनशील किया जाता है। साइट सेवा संस्था के सहयोग से  दृष्टि बाधित बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया है। कांफ्रेंस में शिक्षकों तथा दिव्यांगों की शिक्षा हेतु कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया तथा उपयुक्त सुझाव दिए। 
विभिन्न प्रतिभागियों द्वारा अवसाद ग्रस्त दिव्यांगों की कॉउन्सिलिंग तथा खेल किट का वितरण, दिव्यांगों के अध्यापन हेतु शिक्षकों का विशेष प्रशिक्षण, माता पिता का प्रशिक्षण, सामाजिक स्तर पर संवेदीकरण, विशेष आवश्यकताओं वाले विद्यार्थिओं की अलग अलग श्रेणियों के अनुसार इ कंटेंट का निर्माण तथा दिव्यांगों तक पहुँचाना, विभिन्न सॉफ्टवेयर तथा टेक्नोलोजी के माध्यम से उत्कृष्ट ऑनलाइन लेक्चर तैयार करना, उन क्लासेज का लिंक विद्यार्थियों के साथ शेयर करना, ऑडियो बुक्स तथा व्हाटस ऎप्प ग्रुप्स का उपयोग करना आदि सुझाव दिए गए।

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