दलाल ओर निजी हाथों में चल रहा सिरोही का डीटीओ कार्यालय
सिरोही (जयन्तिलाल दाणा)। 32वें सड़क सुरक्षा माह के दौरान जिले का यातायात व परिवहन महकमा भी पुलिस प्रशाशन, एनजीओ, विभिन्न विद्यालयों के साथ जन जागरण जागरूकता के कार्यों की रस्म अदायगी कर रहा है, लेकिन जिले में यातायात व परिवहन के वाहनों की ओवर लोडिंग व जान माल की जोखिम पर क्षमता से ज्यादा ठूस ठूस के चलने वाले सवारी वाहनों व खटारा वाहनों से आमजन व यात्रियों को निजात नहीं दिला पाया। जिला मुख्यालय समेत पांचों तहसीलों में 4 लेन हाइवे, हाइवे व ग्रामीण क्षेत्रों में जीप व रिक्शा ओवरलोड वाहन चलाते है, जिसमें पिंडवाड़ा से देवला, कोजरा नांदिया, सरूपगंज, वासा रोहिड़ा, भारजा रूट, आबूरोड रेवदर, पालड़ी पोसालिया रुट पर यातायात परिवहन विभाग व यातायात पुलिस की नजर नहीं पड़ती। अनेक मामलों में तो अकुशल वाहन चालक भी वाहन चलाने से बाज नहीं आते। स्कूलों की बाल वाहिनियों की परिवहन महकमा जांच करे तो अनेक कमियां उजागर हो जाएगी। नगरीय ओर ग्रामीण क्षेत्र से जो छात्र छात्राएं रिक्शा जीपों में ओवर लोडिंग यात्रा करते है और एसटी एससी बाहुल्य क्षेत्र के यात्रियों के परिवहन हितों में सरकारी अमले को फुर्सत नहीं है।
दलाल ही निपटाते है प्रकरण
जिला मुख्यालय का यातायात ओर परिवहन महकमें अनेक पद रिक्त है। यातायात दलाल ही डीटीओ ऑफिस काम से आने वाले जरूरत मंद आवेदकों के प्रकरण निपटाते है। भले ही पंजीयन ओर सभी कार्य ऑन लाइन होते है, लेकिन ई मित्र पर यातायात विभाग के कार्य करवाना आवेदकों के लिए लोहे के चने चबाने जैसा है। भले डीटीओ ऑफिस में कैमरे लगे हो जिनकी जांच पड़ताल तो नए डीटीओ ने भी नहीं की होगी, लेकिन बिना टेस्ट, ट्रायल के लर्निंग व परमानेंट, लाइसेंस व 15 साल पुराने वाहन बिना आरसी के भी निश्चित सेवा शुल्क राशि में निजी हाथों से दिए जाने का गोरख धंधा चरम सीमा लांघ चुका है। गुजरात, महारास्ट्र व अन्य प्रदेशों से आने वाले वाहनों के पंजीयन, असेसमेंट व अन्य प्रपत्र भी मनमाने निजी शुल्क के साथ बनाए जाते है। ऐसी हालात में सड़क और सड़क पर यात्रा करने वाले मुसाफिर कैसे सुरक्षित रहेंगे। यह जिले की जनता व डीटीओ ऑफिस पंजीयन कराने जाने वालों के लिए चिंता का विषय है।