जिले में आदिवासी क्षेत्र की स्कूलों के 37 छात्रों का इंस्पायर अवार्ड के लिए चयन
सिरोही।
जिले के होनहारों ने अपनी मेहनत के दम पर इंस्पायर अवार्ड में इतिहास रच दिया। विज्ञान व तकनीकी के क्षेत्र में आइडिया देने में जिले के प्रारंभिक व आदिवासी क्षेत्र की स्कूलों के बच्चे अव्वल रहे हंै। सिरोही की शिक्षा में यह पहला मौका है जब प्रारंभिक शिक्षा विभाग के मिडिल स्कूल व आदिवासी क्षेत्र की स्कूलों में पढऩे वाले 37 बच्चों ने परचम फहराया है।
आबूरोड ब्लॉक के आदिवासी क्षेत्र की सुरपगला स्कूल में विज्ञान पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं होने बावजूद यहां की एक छात्रा का आइडिया इंस्पायर अवार्ड के लिए चयन हो गया। इंस्पायर अवार्ड मानक योजना में प्रदेश से 8027 बच्चों का चयन हुआ था। इस योजना में जिले के सरकारी स्कूलों के बच्चों ने भी अपने आइडिया अपलोड किए थे। जिसमें जिले के 37 बच्चों का इंस्पायर अवार्ड के लिए चयन हुआ। प्रत्येक चयनित बच्चे को 10 हजार रुपए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग नई दिल्ली की ओर से उनके बैंक खाते में जमा कराए जाएंगे।
ऑनलाइन एज्युकेशन से आसान हुई छात्रों की राह : जिले के विद्यार्थियों के इंस्पायर अवार्ड योजना में बाजी मारने के पीछे सबसे बड़ी कोरोनाकाल में भी बच्चों का शिक्षा से जुड़ाव रहा। शिक्षा विभाग की ओर से जहां स्माइल, टीवी व रेडियो पर भी पढ़ाई कराई गई। साथ ही शिक्षकों व अभिभावकों का मार्गदर्शन भी मिला। इस वजह से विद्यार्थी बाजी मारने में सफल हुए है। कक्षा छह से ही विद्यार्थियों का विज्ञान के प्रति जुड़ाव बढ़ रहा है। इसके अलावा शिक्षा विभाग की ओर से विज्ञान के प्रति बच्चों में जिज्ञासा व उत्साह बढ़ाने के लिए कराई जाने वाली प्रतियोगिताओं का काफी अहम रोल है।
इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के तहत 10 हजार रुपए मिलते है बतौर पुरस्कार
5 हजार साइंस फेयर में प्रोजेक्ट प्रस्तुतिकरण व शेष राशि पुस्तकों के लिए दिए जाते बच्चे को
बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के तहत कक्षा 6 से 10 में पढऩे वाले 10 से 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चों की ओर से विज्ञान व नवाचार के प्रोजेक्ट मांगे जाते है। इसमें कम खर्चे के समाजोपयोगी आइडिया का चयन किया जाता है। चयनित बच्चों को 10 हजार रुपए बतौर पुरस्कार दिए जाते है।
यह पुरस्कार उन्हें भारत सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से दिए जाते है। इन 10 हजार रुपयों में से 5 हजार रुपए बच्चे को आगामी साइंस फेयर में मॉडल या प्रोजेक्ट प्रस्तुतिकरण के लिए और शेष राशि बच्चे को पुस्तकों व प्रोत्साहन के लिए दिए जाते है।
सिलोइया के के 3 बच्चों को मिलेगा इंस्पायर अवार्ड
इंस्पायर अवार्ड के लिए सबसे अधिक बच्चों का चयन सिरोही ब्लॉक से हुआ है। इसमें ब्लॉक के सिलोइया राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के एक साथ 3 बच्चों के आइडिया का चयन हुआ है। स्कूल की शिक्षिका कृष्णा कुंवर ने बताया कि सातवीं व आठवीं कक्षा में पढऩे वाले बच्चों का इंस्पायर अवार्ड के लिए चयन होना स्कूल के लिए गर्व की बात है।
सातवीं कक्षा में पढऩे वाले राकेश चौधरी ने पानी का ग्लास ट्रे से गिर जाने की समस्या का समाधान छात्र मंगल राणा के व्हील चेयर का उपयोग बैसाखी के रूप में एवं आठवीं कक्षा के हितेष कुमार ने रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म को साफ रखने के लिए वेक्यूम क्लीनर वाला ट्रॉली बेग को लेकर दिए गए इनोवेटिव आइडिया के लिए चयन हुआ है। भूतगांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कक्षा सातवीं की छात्रा हर्षिता कुमारी का मेरे दादाजी की छड़ी का प्रोजेक्ट चयन हुआ है।
प्रोजेक्ट के लिए चुनौती को बनाया अवसर
हर बार सरकार से आदेश मिलने के बाद स्कूलों को इसकी सूचना दी जाती थी और आवेदन भरवाए जाते थे। इस बार स्कूल बंद थे और चुनौती थी कि सभी को मैसेज किस माध्यम से दिया जाए। टीम बनाई और काम शुरू कर दिया। रोजाना सुबह ग्रुप पर फॉलोअप किया और सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने हमारा सहयोग किया। उच्चाधिकारियों ने भी कोविड गाइडलाइन की पालना करते हुए बैठक की और बताया कि किस तरह यह बच्चें के हित में है। नतीजा यह रहा कि जिले से 37 बच्चों का इंस्पायर अवार्ड के लिए चयन हुआ।
-हीरालाल माली, एडीईओ व प्रभारी इंस्पायर अवार्ड, सिरोही