बाल गृहों के बच्चों को बांटे उपहार
जोधपुर। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने वर्चुअल माध्यम से राज्य स्तरीय पोस्टर-पेंटिंग, निबंध, स्लोगन, कविता, गीत एवं कहानी लेखन प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले बाल गृहों में निवासरत विजेता बालक एवं बालिकाओं को सम्मानित किया।
प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष एवं प्रशासनिक न्यायाधीश संगीत लोढ़ा के निर्देशानुसार हाल ही विधिक सेवा दिवस पर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था। इनमें प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले विजेता बालक-बालिकाओं को सम्मानित किया गया। राज्य में पहली बार 144 बालगृहों को रालसा द्वारा वर्चुअल माध्यम से जोड़ा जाकर सभी विजेताओं को पदक, प्रमाण-पत्र, घडी व गर्म स्वेटर प्रदान किए गए। सदस्य सचिव ब्रजेन्द्र जैन ने बताया कि प्रतिवर्ष विधिक सेवा दिवस के उपलक्ष में प्राधिकरण द्वारा खेल-कूद प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। इन प्रतियोगिताओं का उद्देश्य बच्चों के अन्दर खेल-खेल में विधिक जागरूकता का प्रचार-प्रसार करना है और प्रतियोगिताओं के समापन के पश्चात खेल के विभिन्न स्तरों पर प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्तकर्ता प्रतिभागियों को उपहार देकर सम्मानित किया जाता है। इस वर्ष कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए राजस्थान के सभी 144 बाल गृहों में प्रतियोगिताओं का तीन आयु वर्ग 6 से 10, 11 से 15 व 16 से 18 के मध्य पोस्टर-पेंटिंग, निबन्ध, स्लोगन, कविता, गीत एवं कहानी लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन गृह, जिला एवं राज्य स्तर पर किया गया है। इन प्रतियोगिताओं में राजस्थान राज्य के सरकारी बाल गृह, गैर सरकारी बाल गृह, आश्रय गृह, संप्रेषण गृह आदि में निवासरत कुल 2050 बच्चों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरूआत में रालसा निदेशक अर्चना मिश्रा ने स्वागत उद्बोधन दिया। विशेष सचिव (मीडिएशन एवं आर्बिट्रेशन) विकास खंडेलवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस कार्यक्रम में वल्र्ड वीजन इंडिया के निदेशक सैमसन बंटू सहित राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारियों ने भाग लिया।