वेबिनार में हुई संवैधानिक स्वतंत्रता पर चर्चा
सेवा भारती समाचार।
जोधपुर। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रादेशिक लोक सम्पर्क ब्यूरो द्वारा 71 वें संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की शृंखला में दूसरा वेबिनार आयोजित किया गया। इसका विषय संवैधानिक ढांचे में मूलभूत स्वतंत्रता और उसका संरक्षण था। वेबिनार के आरम्भ में प्रादेशिक लोक सम्पर्क ब्यूरो की निदेशक ऋतु शुक्ला ने बताया कि प्रतिवर्ष 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाये जाने का उद्देश्य यह है कि सभी लोग संविधान के महत्व और इसके निर्माताओं की भूमिका से परिचित हो सकें। उन्होंने कहा कि संविधान से जहां नागरिकों को अनेक अधिकार प्राप्त हुए हैं, वहीं एक नागरिक के नाते हमारे मूलभूत कत्र्तव्य भी हैं जिनके बारे में जागरूकता की आवश्यकता है। वेबिनार को संबोधित करते हुए पत्र सूचना कार्यालय की अपर महानिदेशक डॉ. प्रज्ञा पालीवाल गौड़ ने कहा कि संविधान लागू होने के बाद पिछले 70 वर्षों में एक लम्बी यात्रा तय की गयी है और यह लोगों की बढ़ती आकांक्षाओं को प्रतिबिम्बित और समायोजित करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि लोगों को कोविड महामारी के इस कठिन समय के दौरान अपने कर्तव्यों का पूरी जिम्मेदारी के साथ निर्वाह करना चाहिए।
वेबिनार के मुख्य वक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता और राजस्थान के पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता डॉ अभिनव शर्मा थे। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान राष्ट्र की मूल भावना को प्रतिबिंबित करता है और इसी के माध्यम से देश के सभी नागरिकों को स्वतंत्र वातावरण में विकास करने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संस्थाएं बनाने की स्वतंत्रता, व्यवसाय चुनने की स्वतंत्रता, किसी भी धर्म के पालन की स्वतंत्रता ऐसी प्रमुख स्वतंत्रता है जिनका प्रावधान भारत के संविधान में किया गया है। वेबिनार में डूंगरपुर, सिरोही एवं उदयपुर स्थित क्षेत्रीय लोक सम्पर्क ब्यूरो की भागीदारी रही। वेबिनार का प्रादेशिक लोक सम्पर्क ब्यूरो के ट्विटर हैंडल से सीधा प्रसारण भी किया गया।