महापौर ने ली लंबित प्रकरणों की जानकारी
सेवा भारती समाचार।
जोधपुर। नगर निगम में लंबित पड़े भवन निर्माण, भू- उपयोग परिवर्तन, लीज, बेचान अनुमति के मामलों के त्वरित निस्तारण को लेकर नगर निगम उत्तर महापौर कुन्ती देवड़ा ने निगम अधिकारियों की बैठक ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
महापौर कक्ष में आयोजित बैठक में महापौर कुन्ती देवड़ा ने नगर निगम उत्तर में भवन निर्माण, लीज, भू-उपयोग परिवर्तन, सबडिवीजन, नाम हस्तांतरण ओर बेचान अनुमति के लंबित प्रकरणों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा नगर निगम आमजन से सीधा जुड़ा हुआ विभाग है, ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति अपनी विभिन्न कार्यों व समस्याओं को लेकर नगर निगम आता है, लेकिन यदि समय पर उनका काम नहीं होता है तो निगम की छवि खराब होती है। उन्होंने निर्देश दिए कि भू-उपयोग परिवर्तन, सब-डिवीजन, नाम हस्तांतरण व बेचान अनुमति के सभी प्रकरण कैंप मोड में निस्तारित करने का प्रयास करें। प्रकरण में जिन-जिन अधिकारियों की रिपोर्ट होनी है, उन्हें एक साथ बैठकर जो भी स्वीकृत करने योग्य प्रकरण है उन्हें स्वीकृत किया जाए, और जिन प्रकरणों में दस्तावेजों का अभाव है तो आवेदक को सूचित किया जाए, ताकि वह अपने आवश्यक दस्तावेज जमा करा सके। महापौर कुन्ती देवड़ा ने भवन निर्माण अनुमति के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को जल्द शुरू करने के निर्देश दिए। महापौर ने कहा कि यदि ऑनलाइन भवन निर्माण अनुमति की ऑनलाइन प्रक्रिया होगी तो लोगों को अनावश्यक रूप से नगर निगम के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और वह घर बैठे ही अपनी भवन निर्माण अनुमति ले सकेंगे। बैठक में नगर निगम आयुक्त रोहिताश्व तोमर, उपमहापौर अब्दुल करीम जॉनी, पार्षद मयंक देवड़ा, उपायुक्त अयूब खान, उपायुक्त आकांक्षा बैरवा सहित संबंधित शाखा के लिपिक मौजूद थे। अवैध निर्माण के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई: महापौर कुन्ती देवड़ा परिहार ने अतिक्रमण प्रभारियों की बैठक ली और स्पष्ट निर्देश दिए कि शहर में नगर निगम की बिना अनुमति का निर्माण कार्य नहीं होना चाहिए। कुन्ती देवड़ा परिहार ने कहा कि जहां कहीं भी नगर निगम की बिना अनुमति के निर्माण कार्य शुरू होता है उसी समय संबंधित वार्ड प्रभारियों के माध्यम से निर्माणकर्ता को नोटिस जारी किया जाए और काम को रुकवाया जाए, साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के नए अतिक्रमण को स्वीकार नहीं किया जाएगा। बिना अनुमति के निर्माण होने एवं अतिक्रमण होने की शिकायतें मिलेगी तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।