सबसे छोटा दिन कल, अवधि 10 घंटे 18 मिनट
जयपुर। ब्रह्माण्ड में रविवार को महत्त्वपूर्ण खगोलीय घटना ( shortest day of Year 2019 ) देखने को मिलेगी। सूर्य देव के दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करने के चलते इस दिन वर्ष का सबसे छोटा दिन (राजधानी में अवधि 10 घंटे, 18 मिनट व 18 सैकंड) के साथ ही सबसे लंबी रात (13 घंटे,41 मिनट व 42 सैकंड ) होगी। ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक फिलहाल पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है। वहीं, रविवार को पृथ्वी का उत्तरी धु्रव सूर्य से सबसे दूर और दक्षिणी धु्रव सबसे नजदीक रहेगा। साथ ही सूर्य मकर रेखा से लंबवत होगा और कर्क रेखा को तिरछा स्पर्श करेगा। इस कारण सूर्य इस दिन शीघ्र अस्त होगा। इसके बाद से दिन की अवधि में इजाफा होगा व रातें छोटी होने लगेंगी।उन्होंने बताया कि रविवार से ही शिशिर ऋतु भी शुरू होगी। इससे सर्दी का प्रकोप और बढ़ेगा। पं.पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि देश के कई राज्य शीत लहर की चपेट में आ जाएंगे। फसलों के लिए यह सर्दी बहुत फायदेमंद और जरूरी है। सोमवार से दिन बड़े और रातें छोटी सोमवार से दिन बड़े और रातें छोटी होती जाएगी। 21 मार्च और 23 सितंबर 2020 में दिन रात बराबर होगी। 21 जून को दिन सबसे बड़ा और रात सबसे छोटी होगी। मौसम में बदलाव के लिए मानवीय गतिविधि जिम्मेदार’ वहीं दूसरी ओर राजस्थान विवि के वनस्पति शास्त्र विभाग व इंटरनेशनल फोरम फॉर बॉटनीस्ट की ओर से राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। आयोजन सचिव डॉ. जीपी सिंह ने बताया कि उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि वैदिक विवि. चित्तौडगढ़़ के कुलपति प्रो. अशोक कुमार ने पृथ्वी के विषाक्त होते पर्यावरण व बदलते मौसम के लिए मानवीय गतिविधियों को जिम्मेदार माना। प्रो. पीसी त्रिवेदी ने पर्यावरण संरक्षण और मौसम बदलाव को समय रहते रोकने का आह्वान किया। वनस्पति विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सोमना दत्ता ने विभाग की शोध व अकादमी क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान को रेखांकित करने हुए शैक्षणिक गतिविधियों का परिचय प्रदान किया। उद्घाटन कार्यक्रम के अध्यक्ष पं. दीनदयाल उपाध्याय