मसीह समाज ने एस.एम. चर्च एवं कुड़ी स्थित आराधनालय का स्थापना दिवस हर्षोल्लास मनाया
– मुख्य अतिथि अजमेर से मॉडरेटर कमिसरी रेव्ह. रेमसन विक्टर ने शिरकत की।
जोधपुर। एस.एम. चर्च एवं कुड़ी स्थित आराधनालय का स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर रेव्ह. जितेंद्र नाथ एवं रेव्ह क्रूस लॉयल ने कमेटी के सदस्यों के साथ मिलकर विशेष आयोजन किया। इस विशेष अवसर पर अजमेर से मॉडरेटर कमिसरी रेव्ह. रेमसन विक्टर साहब जोधपुर ने शिरकत की।
इस दौरान मुख्य अतिथि मॉडरेटर कमिसरी रेव्ह. रेमसन विक्टर साहब का चर्च में रेव्ह. जितेंद्र नाथ, रेव्ह क्रूस लॉयल, नवीन पॉल, सेक्रेटरी डेनिस अलेक्जेंडर खजांची रॉबिंसन विलियम, श्रीमती शालिनी नाथ, श्रीमती शिखा वी कुमार, अमित पाल ने बुके देकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर सुबह 10 बजे आराधनालय कुड़ी में तथा सायं 6 बजे एस.एम. चर्च में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया।
मॉडरेटर कमिसरी रेव्ह. रेमसन विक्टर साहब ने चर्च में उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया तथा चर्च के स्थापना दिवस की बधाइयां दी, सभी ने आपस में मिठाइयां खिलाई एक दूसरे को बधाइयां दी।
श्री नवीन पॉल ने जानकारी साझा करते हुए बताया की एस.एम. चर्च जोधपुर का प्राचीन एवं ऐतिहासिक भव्य गिरजाघर है। उन्होंने बताया कि इस चर्च की स्थापना 96 वर्ष पूर्व हुई थी।
चर्च सेक्रेटरी श्री डैनिस एलिकजेंडर ने चर्च के इतिहास की जानकारी दी उन्होंने बताया कि तत्कालीन महाराजा उम्मेद सिंह जी ने 1924 में चर्च हेतु भूमि उपलब्ध करवाई थी, तथा निर्माण हेतु भी सहायता प्रदान की। मसीही समाज राज परिवार के प्रति सदा कृतज्ञ रहेगा। डॉ. ड्रमंड ने चर्च की नींव रखी तथा लेफ्टिनेंट कर्नल टेम्परले ने मानचित्र बनाया था। चर्च 1927 में बनकर तैयार हुआ। महाराजा उम्मेद सिंह जी ने 11-1-1927 में अपने कर कमलों से चर्च का उद्घाटन किया। डॉ. चार्ल्स ने इस नए भवन को स्व. डॉ. समरवेल साहब को समर्पित किया। इस तरह समरविल मेमोरियल चर्च अस्तित्व में आया। इसी प्रकार कुड़ी में स्थित आराधनालय के इतिहास के बारे में श्री संजीव बहादुर ने बताया कि जैसे-जैसे जोधपुर का विस्तार होता गया लोग दूर-दूर बसने लगे, अत: लोगों को चर्च तक आने में असुविधा होने लगी।
लोगों की इस परेशानी को देखते हुए तत्कालीन पादरी रेव्ह. ई.एन.हाबिल साहब ने इस समस्या के हल हेतु कुड़ी में चर्च बनाने का सपना देखा तथा उसे पूरा करने में जुट गए सन् 1997 में चर्च हेतु जमीन खरीदी गई। 11 जनवरी 2001 में इस सुंदर प्रार्थना भवन को बनाने हेतु रेव्ह. ई.एन.हाबिल साहब ने आधारशिला रखी 3 वर्ष में यह प्रार्थना भवन बनकर तैयार हुआ। 11-1-2003 में तत्कालीन बिशप ह्म्ह्ल. रेव्ह. कौलिन सी. थियोडोर ने इस भवन का उद्घाटन किया। इस भवन के निर्माण में अनेक लोगों का योगदान रहा है।जिनकी विशिष्ट सेवाएं अथक परिश्रम लगन तथा त्याग पूर्ण समयदान के कारण यह संभव हो सका। रेव्ह. ई.एन.हाबिल तथा सेक्रेटरी श्री जे वी जैकब की निगरानी में श्री पैट्रिक डिसूजा, श्री जोसेफ सोलोमन, श्री पैट्रिक सैमुअल श्री वी.के सिंह, श्री इंद्र बहादुर, श्री विमल कुमार, श्री रमन कंडुलना, श्री पाने सोरेन ने अपनी विशिष्ट सेवाएं प्रदान की। आप सभी की सेवाओं के कारण आप सभी को सदैव याद रखा जाएगा।
समारोह के अंत में रेव्ह. जितेंद्र नाथ ने प्रभु की प्रार्थना द्वारा समारोह का समापन किया।