आईटीआई में आफरी ने मनाया वन महोत्सव

जोधपुर। हमारे देश मे वन आच्छादित क्षेत्र लगभग 21 प्रतिशत है तथा ट्री कवर लगभग 3 प्रतिशत हैै जो वन क्षेत्र से बाहर है तथा इस प्रकार लगभग 24 प्रतिशत क्षेत्र देश के भौगोलिक क्षेत्र का वन क्षेत्र वर्तमान मे उपलब्ध है जबकि राष्ट्रीय वन नीति के तहत् कम से कम देश के भौगोलिक स्तर का 33 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छादित होना चाहिए। ये विचार आईटीआई जोधपुर के सभागार में शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (आफरी) जोधपुर द्वारा आयोजित वन महोत्सव 2021 कार्यक्रम मे आफरी निदेशक एमआर बालोच ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में व्यक्त किए।
बालोच ने वन प्रंबधन एंव वन नीतियो से संबन्धित प्रावधानों के बारे मे विस्तार से बताते हुए आमजन से अधिकाधिक पौधरोपण करने एवं उनकी देखभाल करने का आह्वान किया। उन्होने जैविक खेती, कृषि वानिकी एंव उन्नत पौधो के पौधरोपण करने की महत्ता प्रतिपादित की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के सेवानिवृत प्रोफेसर डॉ. अरविन्द परिहार ने इतिहास को विज्ञान से जोड़ते हुए मानव के विकास काल एवं पौधो की महत्ता के बारे मे विस्तृत जानकारी देते हुए वर्तमान परिस्थितियों मे अधिकाधिक पौधोरोपण की महत्ता प्रतिपादित की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उपनिदेशक कौशल नियोजन एंव उद्यमिता विभाग धमेन्द्र कुमार शर्मा ने जीवन का अस्तित्व बचाने हेतु वृक्षारोपण की उपयोगिता पर अपना संबोधन दिया। विशिष्ट अतिथि मीडिया एंव संचार अधिकारी आशीष वर्मा ने पौधोरोपण एवं आमजन के सम्बन्धों पर अपने विचार व्यक्त किए तथा कोविड काल मे पौधो की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के सहअध्ययन प्रिसिपल आईटीआई जोधपुर इजी. इन्द्राराम गैवा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि परिसर मे विगत वर्ष मे रोपे पौधे स्वस्थ एवं जीवित है तथा आज लगने वाले पौधो की भी पूर्णरूप से देखभाल की जाएगी। कार्यक्रम का संचालन कुसम परिहार ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन कृषि वानिकी एंव विस्तार प्रभाग की प्राभागाध्यक्ष अनिता ने किया।
कार्यक्रम के आरम्भ मे विभिन्न प्रजातियों के पौधे आईटीआई परिसर मे अतिथियों द्वारा रोपे गए। कार्यक्रम मे कोविड मे कोविड नियमों का पालन किया गया। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य के लिए आफरी, काजरी एवं आईटीआई के कर्मचारियों को पुरस्कृत भी किया गया। आफरी के लक्ष्मण मेघवाल, महिपाल विश्नोई, गंगाराम चौधरी एवं आईटीआई के उत्कृष्ट कार्यो हेतु समानित किया गया कार्यक्रम मे डॉ. शैलजा जोशी, अब्दुल सलाम, प्रोफेसर डॉ. केआर गेन्वा ने भी भाग लिया।

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