संत सागर बापू के चातुर्मास सत्संग में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब: परमात्मा तक पहुंचने का सुमार्ग है सत्संग
रिपोर्टर आमिर रज़ा खान
सोजत सिटी। शहर के वाटर वर्क्स रोड स्थित माली समाज भवन में चल रहे चातुर्मास सत्संग समारोह में संत सागर बापू ने श्रद्धालुओं को आत्मिक ज्ञान से सराबोर कर दिया। बापू ने कहा कि सत्संग को जीवन में उतारकर मनुष्य अपने जीवन को सार्थक और निर्मल बना सकता है। उन्होंने बताया कि संतों के सानिध्य में होने वाला सत्संग परमात्मा की कृपा से ही मिलता है और यही ईश्वर तक पहुंचने का सच्चा मार्ग है।
सागर बापू ने संत शिरोमणि मीराबाई के जीवन का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने जीवन भर संघर्षों के बावजूद भक्ति नहीं छोड़ी और अंततः भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें साक्षात दर्शन दिए।
यह बापू का सोजत में चौथा चातुर्मास आयोजन है, जिसने शहर को और भी आध्यात्मिक बना दिया है। इसके पूर्व पावटा चौक, मालियों का बड़ा बास और रेतिया बेरा में भी उनके चातुर्मास हुए हैं। सत्संग समारोह में “मेरे नेणा में राम छा गयो रे” जैसे भजनों पर श्रद्धालु भावविभोर होकर झूम उठे।
संत प्रभु सागर महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि हमें अंतर्मन में ध्यान लगाकर भगवान का सुमिरन करना चाहिए।
प्रमुख उपस्थितजन:
राम साहेब, माताराम साहेब, नारायणलाल, प्रभुलाल टांक, राजू भाई तंवर, गिरधारीलाल, भक्तिबाई मेवाड़ा, श्यामलाल गहलोत, गोपाराम भाटी सहित कई श्रद्धालु मौजूद रहे।
अतिथियों का बहुमान:
कार्यक्रम में विशेष रूप से पधारे अतिथियों नगर पालिका चेयरमेन प्रतिनिधि जुगल किशोर निकूम, पूर्व पालिकाध्यक्ष आनंद भाटी, अपर लोक अभियोजक पंकज त्रिवेदी, राजेश तंवर, पार्षद लक्की जोशी, एडवोकेट प्रफुल औझा, टोनु चौहान और पूर्णिमा सोनी का माल्यार्पण कर सम्मान किया गया।
यह सत्संग आयोजन सोजत की धर्मनगरी छवि को और अधिक मजबूत करता है तथा भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा और आंतरिक शांति का मार्ग दिखाता है।