मीर सन्नाटे के शोर का शाइर है : शीन काफ़ निज़ाम
राजस्थान उर्दू अकादमी का दो दिवसीय अखिल भारतीय सेमिनार का शुभारम्भ
जिसके पास वो हुनर था कि ज़िन्दगी को ज़िन्दगी की तरह जीना चाहता था
जोधपुर ।’’मीर सर्वकालिक शाइर है जिसके पास वो हुनर था कि ज़िन्दगी को ज़िन्दगी की तरह जीना चाहता था, मीर की शाइरी से पता चलता है कि वो वर्तमान में जीता है, माज़ी के मुस्तक़बिल और मुस्तक़बिल के माज़ी को अच्छी तरह समझता है…, इसलिये यह कहना उचित होगा कि मीर सन्नाटे में शोर का शाइर है।
तत्कालीन समय में मीर का सम्बन्ध भरतपुर, पुष्कर और अजमेर से रहा है’’ यह उद्गार ख्यातनाम शाइर और आलोचक शीन काफ निज़ाम ने राजस्थान उर्दू अकादमी के तत्वावधान में ख़ुदाए सुख़न मीर तकी मीर के 300 साला यौमे पैदाइश के अवसर पर होटल चन्द्रा इंपीरियल रातानाडा में शनिवार को आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र की
अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये जिसमें राजस्थान सरकार के शिक्षा, साहित्य कला और संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि ’’मीर की रचनाएं उनकी ज़िन्दगी का दर्पण हैं।
मीर का जीवन राजशाही और मुफलिसी दोनो ही प्रकार के दौर से होकर गुज़रा है, मीर का जीवन दर्शन पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष है, डॉ. कल्ला ने इस अवसर पर राजस्थान सरकार की संवेदनशीलता के साथ किये गये कार्यों को प्रबुद्धजनों के बीच साझा करते हुए जोधपुर के ताअल्लुक़ से पूर्व मुख्यमंत्री बरकतुल्लाह ख़ान को भी याद किया।
अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. निसार राही ने बताया कि उर्दू अकादमी के अध्यक्ष डॉ. हुसैन रज़ा ख़ान की इस्तक़बालिया तक़रीर से प्रारम्भ उद्घाटन सत्र में डॉ. ख़ालिद अलवी ने मीर के सम्बन्ध में विस्तार से अपने बीज वक्तय में मीर और मीरयार उनवान से बताया कि मीर के शेरों की शरह को पूरी तरह से समझा नहीं गया है जिसके कारण मीर की ज़िन्दगी के बारे में ग़लतफहमियां उत्पन्न हुई, इन्ही पर समकालीन, पूर्व और बाद के साहित्यकारों के हवाले से इसकी वास्तविकता से परिचय करने का प्रयास किया। विशिष्ठ अतिथि राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रमेश बोराणा ने भाषा से समाप्त होने को एक संस्कृति का अन्त होना और संस्कृति के अन्त से इन्यानियत का ख़ात्मा होना बताया वहीं राजस्थान संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष श्रीमती बिनाका जैश मालू ने भी विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर कश्मीर से डॉ. मोहम्मद ज़मां आज़ुर्दा, तहज़ीब के अध्यक्ष मास्टर इस्हाक़ चिश्ती, डॉ. मुईद रशीदी, क़ाज़ी वाहिद अली, डॉ. कौशलनाथ उपाध्याय, हरि प्रकाश राठी, मीठेश निर्मोही, शीन मीम हनीफ, राकेश मूथा, आनन्द राज व्यास, शब्बीर हुसैन, डॉ. कालूराम परिहार, अरूण पुरोहित, सुषमा चौहान, किशनगोपाल जोशी सहित प्रदेश और जोधपुर के साहित्यकार, रंगकर्मी और शिक्षाविद् उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. निसार राही ने किया तथा अकादमी के कोषाध्यक्ष बृजेश अम्बर ने आभार व्यक्त किया। रविवार को चार सत्र में मीर पर पत्रवाचन किये जाएंगे जिनकी सदारत विषय विशेषज्ञ करेंगे।