भाषाओं को नजदीक लाने का सेतु है अनुवाद
जोधपुर। अंतरराष्ट्रीय राजस्थानी समाज की ओर से सोमवार को समकालीन राजस्थानी साहित्य पर केंद्रित कोरोना काल अर अनुसिरजण ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की राजस्थानी विभाग की अध्यक्ष डॉ. मीनाक्षी बोराणा ने कहा कि अनुवाद भाषाओं को नजदीक लाने का सेतु है। अनुवाद से अनुवाद का भाषा-ज्ञान और साहित्यिक समझ समृद्ध होती है वहीं उसके सोचने-समझने का दायरा व्यापक होता जाता है। राजस्थानी को विषय के रूप में पढऩे वाले विद्यार्थियों को अधिक गंभीरता से भाषा को सीखने और समझने की आवश्यकता है।
वरिष्ठ रचनाकार डॉ. मंगत बादल ने अनुवाद कर्म पर बात करते हुए कहा कि नाला सोपारा उपन्यास के राजस्थानी अनुवाद को पढकऱ चित्राजी की यह टिप्पणी उत्साह बढ़ाती है। किसी अच्छे अनुवाद के लिए अनुवाद को मूल रचना का गंभीरता से अनेक बार पाठ उसे उसके भीतर ले जाता है और अनुवाद की मनोभूमि निर्मित होती है। डॉ. बादल ने कार्यक्रम में कहा कि वे शब्दानुवाद की अपेक्षा भावानुवाद के पक्ष में है। उन्होंने कोरोना काल में प्रकाशित हुई अपनी तीन अनूदित कृतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि अनुवाद भी मूल रचना जैसा आस्वाद दे तभी वह सफल अनुवाद होता है।
कवि-कहानीकार राजेंद्र जोशी ने कहा कि अनुवाद में रचना का चयन महत्त्वपूर्ण होता है। अनुवाद के माध्यम से हम देश के विभिन्न भू-भागों में होने वाले सामाजिक सांस्कृतिक परिवर्तनों की जानकारी होती है। जोशी ने कहा कि श्रेष्ठ रचनाओं के अनुवाद से पाठकों की संख्या में इजाफा होता है।
अंतरराष्ट्रीय राजस्थानी समाज के संयोजक व आलोचक डॉ. नीरज दइया ने ऑनलाइन संवाद में कहा कि राजस्थानी साहित्य का भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनुवाद होना चाहिए। राजस्थानी में खूब अनुवाद का कार्य हुआ है किंतु उसकी तुलना में राजस्थानी का भारतीय भाषाओं में अनुवाद का कार्य पार्याप्त नहीं हुआ है। कार्यक्रम में साहित्यकार मधु आचार्य आशावादी, बुलाकी शर्मा, सीमा राठौड़, प्रहलाद राय पारीक, संजू श्रीमाली, चंद्र प्रकाश सोनगरा, डॉ. नमामी शंकर आचार्य, मंजू किशोर रश्मि, डॉ गजेसिंह राजपुरोहित, रेखा लोढ़ा स्मित, वाजिद हसन काजी, ममता आचार्य, शिव चरण शिवा, जेठमल सोलंकी, प्रीतिमा पुलक, नवनीत राय, मोनिका गौड़, इसरार हसन कादरी, सिद्धार्थ सेठिया, तरुण दाधीच, शिवदान सिंह जोलावास, सुभाष जोशी आदि ने विचार व्यक्त किए।