आज 3 घंटे का होगा खग्रास चंद्रग्रहण

जोधपुर। नौतपा के दूसरे दिन बुधवार को खग्रास चंद्रग्रहण होगा। ग्रहण का आरम्भ दोपहर 3 बजकर 15 मिनट पर और मोक्ष शाम 6 बजकर 23 मिनट पर होगा। यानी दोपहर सवा तीन बजे से शाम को 6.23 तक लगभग तीन घंटे का ये चंद्रग्रहण होगा। हालांकि चंद्रोदय शाम को 6 बजे के निकट होने चंद्रग्रहण को भारत के पूर्वी भाग में कुछ ही मिनट के लिए प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकेगा, लेकिन वास्तविक रूप से तो ये चंद्रग्रहण तीन घंटे उपस्थित रहेगा इसलिए इसका प्रभाव भौगोलिक और व्यक्तिगत रूप से सभी के ऊपर पड़ेगा। इस चंद्रग्रहण का सूतक ग्रहण से नौ घंटे पहले 26 मई की सुबह 6.15 पर लग जाएगा।
चंद्र-ग्रहण को वैज्ञानिक दृष्टि से जहां एक विशेष खगोलीय घटना माना जाता है वहीं धर्म और ज्योतिषीय गणनाओं की दृष्टि में चंद्रग्रहण एक बहुत महत्वपूर्ण घटना होती है जो पूरी प्रकृति के साथ व्यक्तिगत रूप से भी हमें प्रभावित करती है, ज्योतोषिय गणनाओं के अनुसार चंद्रग्रहण हमेशा केवल पूर्णिमा के दिन ही होता है। चन्द्रमा को जगत का मन कहा गया है और ज्योतिष में चन्द्रमा को मन का कारक ग्रह माना गया है। इसलिए चंद्रग्रहण का समय निश्चित रूप से वातावरण में मानसिक उद्वेग का तो होता ही है पर भौगोलिक सामाजिक और व्यक्तिगत रूप से भी ग्रहण काल को एक संघर्ष उत्पन्न करने वाला समय ही माना गया है। ज्योतिषियों और पंडितों का कहना है कि इस बार होने वाला ये चंद्रग्रहण इसलिए बहुत ज्यादा प्रभावी होगा क्योंकि ग्रहण के दिन चन्द्रमा अपनी नीच राशि में रहेगा इसलिए ये ग्रहण मानिसक रुप से सभी लोगों को अत्यधिक पीडि़त और परेशान करेगा, अधिकांश लोगों में घबराहट, ओवर थिंकिंग, नकरात्मक विचार, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन की स्थिति बनेगी और 26 तारीख के आसपास के दिनों में ये चीजें ज्यादा हावी होगी, इसलिए अगले लगभग 15 दिनों के समय में अपनी मानसिक स्थिति और बिहेवियर पर बहुत ज्यादा नियंत्रण रखना होगा, नकारात्मक विचारों से बचना होगा।
ज्योतिषियों का कहना है कि इस समय में अपने घर-परिवार में किसी के साथ बहस या आग्र्युमेंट्स करना जीवन में बड़ी समस्यायों को बढ़ा सकता है इसलिए अपने आप को शांत रखें, वर्तमान कोरोना की सिचुएशन के कारण जो लोग पहले से ही एंग्जायटी और डिप्रेशन का सामना कर रहे हैं वे सभी लोग अगले 15 दिन ओवर थिंकिंग और नकारात्मक विचारों से विशेष रूप से बचें। इसके अलावा ये ग्रहण जल तत्व राशि में बन रहा है इसलिए अतिवर्षा, आंधी तूफ़ान, और भूकंप जैसी स्थितियां आगे अगले एक माह के अंदर कई बार बनेंगी और सामाजिक और राजनैतिक दृष्टि से भी बड़ी उठापटक की स्थिति अगले कुछ महीनो में बन सकती है।

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