रेस्क्यू ऊंटों के संरक्षण के लिए जारी हुई भूखंड़ की स्वीकृति
सिरोही(जयन्तिलाल दाणा)। लम्बे अरसे से देश भर से वध से बचाए गए रेस्क्यू ऊंटों को पीएफए सिरोही के नेतृत्व में सेवा दी जा रही थी। परंतु वर्ष 2014 से रेस्क्यू ऊंट शेल्टर निर्माण के लिए जिला प्रशासन से भूखंड़ के लिए निवेदन किया जा रहा था। आखिरकार जिला प्रशासन ने रेस्क्यू ऊंट शेल्टर के लिए 5 बीघा भूखंड़ रियायती दर 17 लाख 34 हजार 900 रुपए राजस्व मद में जमा करने के पश्चात् यह भूखंड़ आवंटन के आदेश जारी किए जाएंगे। उक्त राशि एक महिने के भीतर जिला प्रशासन राजस्व शाखा में जमा करने के निर्देश जिला कलेक्टर द्वारा दिए है। इसी के संदर्भ में पिछले कई वर्षों से पीएफए किराए के भूखंड़ पर ऊंटों का संरक्षण करवा रहा था, जो कि बहुत ही संस्था को महंगा पड़ रहा था। इसी क्रम में भामाशाहो, दानदाताओं, जैन समाज के अग्रणी व्यवस्थापकों से निवेदन किया जा रहा हैं कि उक्त भूखंड़ प्राप्त करने के लिए यथा संभव हमारी योजना में शामिल होकर भूखंड़ पर ग्रेनाईट के पत्थर मुख्य द्वार पर आजीवन भू दान एवं अन्य योजनाओं में लाभार्थी बनकर वध से बचाए ऊंटों के संरक्षण के लिए सहभागी बने। उल्लेखनीय है कि राजस्थान का राज्य पशु तस्करी हो कर देश के अन्य राज्यांे व मुख्यतः पश्चिम बंगाल व नेपाल की सीमाओं से तस्करी व कत्लगाहों में जाता है और रेस्क्यू हो कर उसको आश्रय देने में पीएफए के सचिव अमित सिंह देवल सराहनीय सेवाएं देते है, लेकिन जन सहयोग नहीं मिलने से पीएफए गोवंश सरंक्षण व नंदी आश्रय तथा नंदियों के साथ हो रही क्रूरता को बचाने में असहाय नजर आता है। हर माह नंदियों पर कुल्हाड़ी से वार से जिले भर में घायल अवस्था में नंदियों के घूमने के समाचार आते है और उन्हें घायल करने वालो पर जिला पशु क्रूरता निवारण समिति भी पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज नहीं करवाती ओर अर्बुदा गौशाला होते हुए भी जिला प्रशाशन ओर जन प्रतिनिधियों की बेरुखी के खिलाफ आम जन में गहरा आक्रोश है।