संबोधि धाम में बसंत पंचमी पर हुआ सरस्वती महापूजन का विराट आयोजन
जोधपुर। कायलाना रोड़ स्थित संबोधि धाम में बसंत पंचमी पर सरस्वती महापूजन का विराट आयोजन हुआ। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने 19 फीट ऊंची प्रतिमा का महाअभिषेक संपन्न किया।
इस अवसर पर संत श्री चंद्रप्रभ ने कहा कि जीवन में सरस्वती माता और सद्गुरु की कृपा सदा बनी रहनी चाहिए। सरस्वती माता से रोज सुबह उठकर प्रार्थना करें कि मैं जब तक जियूं मेरी मति सन्मति रहे और जब मैं मर जाऊं तो मेरी गति सद्गति हो जाए। उन्होंने कहा कि हम सरस्वती पुत्र हैं और हमने जन्म से ही सरस्वती माता की आराधना और साधना की है और उन्हीं की कृपा के चलते आज देशभर में हमारे साहित्य और प्रवचनों को प्रेम से सुना और पढ़ा जाता है। अतीत में कभी मूर्ख कालिदास ने भी सरस्वती माता की साधना की थी जिसके चलते वे महाकवि कालिदास बन गए। उन्होंने कहा कि बसंत पंचमी पर हम संकल्प लें कि प्रतिदिन 30 मिनट अच्छी पुस्तक का अध्ययन जरूर करेंगे और 1 महीने में एक किताब पढ़ लेंगे। अगर हमने मात्र 5 साल तक इस नियम का अखंड पालन कर लिया तो आने वाले कल में दुनिया हमारे ज्ञान को सलाम करेगी। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को सरस्वती माता की विशेष मंत्र ध्यान साधना का अभ्यास करवाया।
इस दौरान संत श्री ललितप्रभ व डॉ. मुनि शांतिप्रिय सागर ने अष्ट प्रकारी 27 पूजन करवाएं।
जब संत प्रवर ने सपने में दर्शन दे गई रे एक छोटी सी कन्या…, नन्हा सा फूल हूं मैं चरणों की धूल हूं मैं, आया हूं मैं तो तेरे द्वार मैया जी मेरी पूजा करो स्वीकार… जैसे भजन गुनगुनाए श्रद्धालु खड़े होकर भक्ति में झूमने लगे।
इस अवसर पर महापूजन के लाभार्थी बसंत सिंघवी एवं संपत राज जैन परिवार का संबोधि धाम ट्रस्ट मंडल द्वारा माला और प्रभु प्रतिमा देकर अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में इंडो पब्लिक स्कूल की बालिकाओं द्वारा नृत्य एवं भजनों की विशेष प्रस्तुति दी गई। पूजन के पश्चात 27 दीपकों से महाआरती हुई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।