दरगाह रोशन अली शाह रहमतुल्लाह अलैह का 123वां उर्स शुरू
- कव्वाल शौकत अंदाज पेश करेगें कलाम
- शुक्रवार को अदा होगी कुल की रस्म
जोधपुर । उदयमन्दिर आसन स्थित हजरत रोशन अली शाह दुर्वेश रहमतुल्लाह अलैय का 123 वां उर्स पूरे अहतराम के साथ सम्पन्न हुआ। दरगाह सदर मोहम्मद रफीक बैलिम ने बताया कि उर्स के पहले दिन झण्डे की रस्म के साथ, गुस्ल, फातेहखानी व अब्बासी समाज के सरफूद्दीन बैलिम की ओर चादर शरीफ पेश हुई और बाद नमाजे ईशा मदरसा रोशन इस्लामिया के तालीबे इल्म (विद्यार्थियों) ने नात, तकरीर, इस्लामी सवाल-जवाब पेश किये। इस मौके पर रोशन नूरी मस्जिद भिस्तियान के पेश इमाम मौलाना इमरान मिस्बाही ने इस्लाही मुआशरे पर बेहतरीन तकरीर की।
दरगाह सचिव मोहम्मद असलम सोलंकी ने बताया कि उर्स के दूसरे दिन जोधपुर के मशहूर कव्वाल पगडीबन्द कव्वाल जफर अमीन साबरी ने सूफी कलाम पेश किये। उन्होनें उर्स की महफिल को अपने कलाम से नई बुलन्दी बख्शीं। गुरूवार रात प्रसिद्ध कव्वाल शौकत अंदाज अपने कलाम पेश करेगें।
सहसचिव न्याज मोहम्मद भाटी ने कहा कि उर्स में कव्वाल ने लोगों को अपने कलाम से नमाज अदा करने, कुरान पढने व नबी की सुन्नतों पर जिन्दगी गुजारने का पैगाम दिया।
शुक्रवार बारह फरवरी को दोपहर ढाई बजे उर्स के आखरी दिन फातेहाखानी के साथ कुल की रस्म अदा की जायेगी। मसनद नशीर हजरत पीर नूर मोहम्मद जाकिर हुसैन, जेरे निगरानी हजरत पीर नजमुद्दीन सुलेमानी चिश्ती व मुतव्वली हाजी पीर मोहम्मद की मौजूदगी में मुल्क में अम्नोशान्ति, तरक्की, खुशहाली, भाईचारे व अच्छी बारिश की विशेष दुआ कराई गई। नातखां बुन्दुहसन ने खुबसूरत अंदाज में सलाम पढा। अंत में सभी जायरीनों को फातेहखानी के साथ शीरनी तकसीम की गई। इस मौके पर दरगाह कमेटी के पदाधिकारी, समस्त सदस्यगण, कौम अब्बासियान से जुड़े बुजुर्ग, सरपरस्त, युवागण एवं शहर व आस-पास के कई जायरीन मौजूद रहे।