एमसीपीआई (यू) तथा एआईसीटीयू की राज्य कमेटी की बैठक सम्पन्न
जोधपुर। भारत की माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (यूनाइटेड) की एक दिवसीय राज्य कमेटी की बैठक आर सीटू कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक का विधिवत उद्घाटन राज्य सचिव मण्डल सदस्य व पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य रामपाल सैनी ने किया। बैठक में जोधपुर सहित जयपुर, अलवर, कोटा, भरतपुर, अलवर, उदयपुर, बाड़मेर, पाली, जैसलमेर, किशनगढ ब्यावर सहित अनेक जिलों से पार्टी के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक के आरंभ में झण्डारोहण की रस्म अदायगी के साथ आगंतुकों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। कोरोना महामारी को देखते हुए सरकारी दिशा निर्देशों की पालना में दो गज की दूरी को ध्यान में रखते हुए हर जिले से केवल एक-एक सदस्य को बैठक में सम्मिलित किया गया। बैठक में प्रदेश सचिव गोपीकिशन, रामपाल सैनी, बृजकिशोर, हनुमान मालोदिया, तारकेश्वर तिवारी, दयालराम गुर्जर, नदीम खान आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। वक्ताओं ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है और वह काफी निम्न स्तर पर पहुंच गई है। महामारी के कारण लाखों लोगों की जानें चली गई है, लाखों लोगों को गंभीर आर्थिक संकट में डाल दिया है तथा प्रति व्यक्ति आय में भी भारी कमी देखी गई है। इससे उबरने के लिये सरकारों को ठोस उपाय अपनाने चाहिये। वक्ताओं ने कहा कि इन विषम परिस्थितियों में भी वैश्विक पूंजीवाद आर्थिक मंदी से उबरने के बिना किसी ठोस उपायों के अपने मुनाफे को बढाने के उद्देश्य से नव उदारवादी नीतियों को आगे बढा रहा है, जो आर्थिक असमानता व वर्ग संघर्ष को बढावा देगा। वक्ताओं ने कहा कि श्रम कानूनों में अंधाधुंध परिवर्तन को आक्रामक तरीके से आगे बढाने का सरकार का उद्देश्य और कुछ नहीं बल्कि मजदूरों के अपार बहुमत को सभी श्रम कानूनों के दायरे से बाहर कर टेऊड यूनियन अधिकारों को समाप्त करना है। जिस तरह केन्द्र सरकार द्वारा कल लोकसभा में श्रम सुधार बिल पास कराया गया, ये उनकी इसी मंशा को जाहिर करता है जो स्पष्ट रूप से पूंजीपति वर्ग को खुश रखने का प्रयास है। इसी तरह केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हित का हवाला देते हुए कृषि बिल पास कराना पूर्ण रूप से सरकार के ईरादों को जाहिर करता है कि किस प्रकार केन्द्र सरकार कॉर्पोरेट वर्ग के चुनिंदा लोगों की गोद में बैठ गई है, जिसे आम जनता की कोई फिक्र ही नहीं है। इससे देश का अन्नदाता किसान भयानक अंधकारमय माहौल से घिर जायेगा तथा उसे उसके मेहनत के अनुरूप फल भी प्राप्त नहीं होगा।
दूसरे चरण मे अखिल भारतीय टे्रड यूनियन केन्द्र व उसकी राज्य शाखा राजस्थान टे्रड यूनियन केन्द्र (आर सीटू) के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें श्रमिक समस्याओं और वर्तमान परिस्थितियों की समीक्षा की गई। पार्टी की बैठक में किसान आन्दोलन का समर्थन करते हुए दिल्ली सीमाओं से सटे क्षेत्रों में चल रहे किसान आन्दोलन में प्रदेश की ओर से शामिल होने का निर्णय, श्रम कानूनों में श्रमिक विरोधी संशोधन वापिस लेने, किसान विरोधी कृषि कानूनों को वापिस लेने, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों में सामाजिक सुरक्षा लागू करने, रोजगार के नये सृजन कर बेरोजगारी पर रोक लगाने सहित अनेक प्रस्ताव पास किये गये। वही टे्रड यूनियन की बैठक में श्रमिक समस्याओं के समाधान तथा लेबर कोड के खिलाफ फरवरी के आखिरी सप्ताह में जिला स्तरीय प्रदर्शन करने, श्रम कानूनों की कठोरता से पालना करने, सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण की नीति पर रोक लगाने, न्यूनतम वेतन 25 हजार रुपए करने सहित अनेक प्रस्ताव पास किये गये। इसके अतिरिक्त मार्च के दूसरे सप्ताह में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक जयपुर में आयोजित करने तथा अंतिम सप्ताह में जोधपुर में टे्रड यूनियन कार्यकताओं का सम्मेलन आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया, जिसमें लेबर कोड के खिलाफ व्यापक आंदोलन की रूपरेखा तय की जायेगी।