उपासना पद्धति से आत्मा में होता है संस्कारों का बीजारोपण: संत कमल

सेवा भारती समाचार।

जोधपुर। महावीर भवन निमाज की हवेली में संत कमल मुनि के सान्निध्य में लोकाशाह जयंती मनाई गई। इस अवसर पर संत कमल मुनि ने कहा कि धार्मिक उपासना पद्धति के कर्मकांड को जो पाखंड मानता है वह उसकी घोर अज्ञानता है। कर्मकांड का उपहास करना धर्म और परमात्मा का उपहास है। उन्होंने कहा कि उपासना पद्धति से आत्मा में संस्कारों का बीजारोपण होता है और सुसंस्कारों से ही चरित्र निर्माण होता है।
चातुर्मास समापन के अवसर पर संघ की ओर से सभी संत मंडल के प्रति कृतज्ञता एवं क्षमायाचना करते हुए संघ के सभी सदस्यों के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर संघ अध्यक्ष सुकनराज धारीवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश पारख, उपाध्यक्ष गुणवंतराज मेहता, मंत्री विमल कोठारी, मुन्नालाल मोहनोत एवं संघ के वरिष्ठ श्रावक उपस्थित थे। संघ ने संत कमल मुनि कमलेश के मंगलमय विहार एवं उत्तोतर प्रगति करते हुए श्रमण संघ के उत्थान की मंगलकामना की।
संघ के महामंत्री सुनिल चौपडा ने बताया कि महाराज निमाज हवेली से स्थान परिवर्तन कर संघ के ही स्वाध्याय भवन में विराजेंगे तथा मंगल विहार कर महामंदिर डंको बाजे रे में पधारेंगे। आगामी 6 दिसम्बर को श्रमण संघीय युवाचार्य मधुकर मुनि की पावन पुण्य स्मृति दिवस कमल मुनि एवं साध्वी के सानिध्य में निमाज हवेली महावीर भवन में ही जाप दिवस एवं गुणानुवाद सभा के रूप में मनाया जायेगा।

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Gulam Mohammed

(EDITOR SEVA BHARATI NEWS) ==> Seva Bharti News Paper Approved Journalist, Directorate of Information and Public Relations, Rajasthan, Jaipur (Raj.), Mobile 7014161119 More »

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