लोकतंत्र एवं महिला अधिकार विषय पर वेबिनार का आयोजन
सेवा भारती समाचार
जोधपुर। संविधान में 73 वें एवं 74 वें संविधान संशोधन के माध्यम से स्थानीय स्वशासन में महिलाओं को तैतीस फीसदी आरक्षण की व्यवस्था वैश्विक लोकतांत्रिक इतिहास में एक शांत क्रांति थी। यह विचार राजस्थान तथा अनेक राज्यों की पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व कैबीनेट मंत्री मारग्रेट अल्वा ने अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर डॉ. बीआर अंबेडकर अध्ययन जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित वेबिनार में कही। अध्ययन केन्द्र के निदेशक डॉ. भरत कुमार के निर्देशन में आयोजित वेबिनार में मारग्रेट अल्वा ने कहा कि डॉ. अंबेडकर द्वारा संविधान में एक नागरिक-एक वोट के अधिकार ने भारत के प्रत्येक नागरिक को समानता तथा लोकतंत्र में बराबरी की हिस्सेदारी का अधिकार दिया। भारत की आजादी से पूर्व वंचित समुदाय तथा महिलाओं की सत्ता में हिस्सेदारी नहीं थी। सत्ता में हिस्सेदारी और लोकतंत्र में आलोचना करना-आंदोलन करना देशद्रोह नहीं है। हमें अभिव्यक्ति की आजादी और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने का अधिकार भारतीय संविधान ने दिया है, जिसकी हम सबको रक्षा करनी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रवीण चन्द्र त्रिवेदी ने कहा कि डॉ. अंबेडकर भारत के सबसे बड़े सोशल इंजीनियर थे। बाबा साहेब ऐसे सोशल इंजीनियर थे जिन्होंने अधिकार विहिन समुदायों को सशक्त करना ही अपने जीवन का प्रमुख लक्ष्य माना। यह सशक्तिकरण किसी एक वर्ग तक सीमित नहीं था बल्कि समाज और देश के हर अधिकारविहीन वर्ग के लिए था। उन्होंने कहा कि मारग्रेट अल्वा द्वारा बतौर पंचायती राज और मानव संसाधन मंत्री रहते हुए जो शिक्षा और स्थानीय स्वशासन के लिए अधिकार प्रदान किए गए वे अतुलनीय है। कार्यक्रम में बतौर संयोजक राजनीति विज्ञान की प्रो. कांता कटारिया ने डॉ. अंबेडकर के महिला अधिकार विषय पर अपने विचार व्यक्त किए तथा बतौर संयोजक भूमिका का निर्वाह किया। इस वेबिनार नें पैनेलिस्ट के रुप में जैसलमेर जिला प्रमुख अंजना मेघवाल, पूर्व प्रधान बालेसर गीता मेघवाल, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय छात्रसंघ की प्रथम छात्रा अध्यक्ष कांता ग्वाला ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सिंडिकेट सदस्य तथा डॉ. बी.आर. अंबेडकर अध्ययन केन्द्र के पूर्व निदेशक केआर गेनवा ने आभार व्यक्त किया। उपरोक्त कार्यक्रम का आयोजन फेमी फस्र्ट फाउडेंशन के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। फाउडेंशन की निदेशक एंजीलिका अरीबाम ने भी अपने विचार व्यक्त किए।