मातृभाषा दिवस पर शैक्षिक संगोष्ठी आयोजित
सिरोही(जयन्तिलाल दाणा)। राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में मातृभाषा दिवस पर शैक्षिक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। संगोष्ठी प्रभारी गोपालसिंह राव के अनुसार संस्था प्रधान श्रीमती हीरा खत्री तथा प्रथम सहायक शीतल मारू का सानिध्य रहा। संगोष्ठी के प्रभारी राव के अनुसार भाषा के विशेषज्ञों ने भाषाओं पर अपने विचार व्यक्त किए। हिंदी भाषा के विशेषज्ञ श्रीमती प्रतिभा आर्य, वर्षा वर्षा त्रिवेदी ने विचार व्यक्त किए। हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मुख्य वार्ताकार गोपालसिंह राव ने कहा कि दुनिया भर में विभिन्न मातृभाषाओं के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है। अपनी भाषा-संस्कृति के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य मनुष्य के जीवन में भाषा की अहम भूमिका है। भाषा के जरिए ही देश और विदेशों के साथ संवाद स्थापित किया जा सकता है। इसके महत्त्व को ध्यान में रखते हुए हर वर्ष 21 फरवरी के दिन को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में हैं 1652 भाषाएं विश्व में जो भाषाएं सबसे ज्यादा बोली जाती हैं। उनमें अंग्रेजी, जैपनीज, स्पैनिश, हिंदी, बांग्ला, रूसी, पंजाबी, पुर्तगाली, अरबी भाषा शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार लगभग 6900 भाषाएं हैं, जो विश्व भर में बोली जाती हैं। इनमें से 90 प्रतिशत भाषाएं बोलने वाले लोग एक लाख से भी कम हैं। भारत की बात करें तो 1961 की जनगणना के अनुसार, भारत में 1652 भाषाएं बोली जाती हैं। कार्यक्रम में हिंदी भाषा की व्याख्या श्रीमती शर्मिला डाबी का संगोष्ठी में बहुमान किया गया। अंग्रेजी विषय के विषय अध्यापक महेंद्र कुमार प्रजापत विक्रमादित्य, जया दवे ने भाषाओं की महत्ता पर प्रकाश डाला। संस्कृत भाषा के पंडित सुरेश कुमार शर्मा, श्रीमती कल्पना चौहान ने वेद वाणी की महत्ता को समझाया। कार्यक्रम में श्रीमती अनीता चौहान, प्रमिला पोरवाल इंदिरा खत्री, सुमन कुमारी, रीना कोटेसा, ममता कोठारी, देवीलाल, रमेश कुमार मेघवाल, अनिल कलावंत उपस्थित थे।