कॉकलियर इम्प्लांट से हुआ नि:शुल्क सफल इलाज
जोधपुर। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जोधपुर में आरबीएसके टीमों द्वारा जन्मजात बहरेपन की बीमारी से ग्रसित करीब 100 बच्चों को चिन्हित किया गया था। इसी के तहत शहर के सूरसागर निवासी 4 वर्षीय शक्ति के परीक्षण में पाया गया कि वह जन्मजात बहरेपन की बीमारी से ग्रसित है। आरबीएसके जोधपुर सिटी टीम ए से डॉ. अंजली निर्वाण, डॉ. मुकेश प्रजापत, एएनएम नीतू चौधरी व मोनिका ने सूरसागर क्षेत्र के आंगनबाड़ी भूरटिया द्वितीय पर स्क्रीनिंग में शक्ति को श्रवण बाधित पाया। इसके पश्चयात टीम ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बलवंत मंडा व आरसीएचओ डॉ. कौशल दवे को इससे अवगत करवाया गया। इसको गंभीरता से लेते हुई सीएमएचओ डॉ. बलवंत मंडा ने आरबीएसके एडीएनओ डॉ. अभिषेक दाधीच व डीआईईसी प्रभारी डॉ. रविकीर्ति डिडवानिया को शक्ति का मुख्यमंत्री द्वारा घोषित राहत कोष के अंतर्गत कॉकलियर इम्प्लांट करवाने के लिए निर्देशित किया।
आरबीएसके के एडीएनओ डॉ. अभिषेक दाधीच ने बताया कि इसके पश्चयात आरबीएसके टीम ए के दल ने शक्ति के परिजनों को उसका परीक्षण करवाने हेतु मथुरादास माथुर अस्पताल के लिए रेफर किया जहां पर डीआईईसी प्रभारी डॉ. रविकीर्ति डिडवानिया ने नियमानुसार शक्ति की आवश्यक जांचे करवाई। जिससे ज्ञात हुआ कि शक्ति जन्मजात बहरेपन की बीमारी से ग्रसित है। इसके बाद शक्ति के परिजनों को कॉकलियर इंप्लांट करवाने के लिए सलाह दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत एमडीएम अस्पताल में 4 वर्षीय शक्ति का काऊकलियर इंप्लांट कर नि:शुल्क उपचार किया गया। गौरतलब है कि शक्ति के पिता सुरेश कुमार स्वयं एक निजी जॉब करते है। सुरेश बताते है कि शक्ति जब डेढ़ वर्ष की तब पता चला कि वह सुन नही सकती है। इसके उपचार हेतु वह सरकारी व निजी अस्पतालों में उपचार करवाने गए तो उन्हें इसका खर्च करीबन 5-6 लाख रुपये बताया गया। सुरेश ने बताया कि वह शक्ति के इलाज हेतु इतनी बड़ी रकम खर्च करने के लिए सक्षम नही थे। सुरेश ने अपनी बेटी शक्ति का नि:शुल्क कॉकलियर इम्प्लांट का सफल ऑपरेशन होने के बाद माननीय मुख्यमंत्री महोदय व आरबीएसके कार्यक्रम का आभार प्रकट किया।