उजी तारा संघ भवन में नवकार मंत्र आराधना प्रारंभ
साध्वी श्रीजी की निश्रा में बिखरा आध्यात्मिक वातावरण

जोधपुर। अमरनगर स्थित उजी तारा त्रिस्तुतिक जैन संघ भवन में साध्वी श्री कल्पलता, सौम्यगुणा एवं वैराग्यगुणा श्रीजी म.सा. की निश्रा में *नौ दिवसीय नमस्कार महामंत्र आराधना* का शुभारंभ श्रद्धा और भक्ति के भावों के साथ हुआ। इस अवसर पर धर्मसभा में साध्वी श्री ने कहा कि नमस्कार महामंत्र कोई साधारण शब्द नहीं, बल्कि आत्मजागृति का दिव्य साधन है। यह मंत्रधिराज शांति, शक्ति और सम्यक् बुद्धि का संगम है।
धर्मसभा के प्रथम दिन साध्वी श्री ने प्रथम पद *”णमो अरिहंताणं”* की गूढ़ व्याख्या करते हुए कहा कि अरिहंत वे होते हैं जिन्होंने अपने भीतर के राग-द्वेष को जीत लिया होता है। वे ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप के आदर्श प्रतीक होते हैं। उन्होंने कहा कि अरिहंत न केवल स्वयं के लिए मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करते हैं, बल्कि अनेकों को मोक्षमार्ग की प्रेरणा भी देते हैं।
आराधना के शुभारंभ से पूर्व विभिन्न धार्मिक क्रियाएं पूर्ण श्रद्धा से संपन्न हुईं।
भगवान को विराजमान करने का लाभ** पारस पोरवाल एवं आरती अंजना सेठ ने प्राप्त किया।
मंगल दीपक** सुखीबाई लूंकड़ द्वारा प्रज्वलित किया गया।
नवकार महामंत्र पट स्थापना** का सौभाग्य विशाल भंडारी को मिला।
अखंड ज्योत स्थापना** राजवीर भंडारी द्वारा की गई।
माल्यार्पण** कमल बाफना, गौतम खिंवसरा द्वारा तथा
वाक्षेप पूजा** अजय टाटिया एवं जितेन्द्र लोढ़ा द्वारा संपन्न हुई।
आरती** कमला भंडारी, पारस पोरवाल एवं सुखीबाई लूंकड़ ने की।
गुरुदेव राजेन्द्रसूरी एवं जयंतसेन सूरी जी की फोटो स्थापना**, माल्यार्पण व वाक्षेप पूजा क्रमश: प्रकाश कर्णावट, अशोक रानी पोरवाल द्वारा की गई।
पूजन एवं तप का लाभ **राजेन्द्र महिला मंडल** एवं **बालिका मंडल** को प्राप्त हुआ, जबकि आरती का सौभाग्य कविता मनोज राठौर को मिला।
**प्रभावना** का लाभ पानीबाई भंडारी एवं अनिला सिद्धार्थ टाटिया ने प्राप्त किया।
नवकार मंत्र आराधना के इस भव्य आयोजन से संघ भवन का वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो गया। श्रद्धालुओं में उत्साह एवं भक्ति का अद्भुत समागम देखने को मिला।