जोधपुर मंडल ने विकसित किया अत्याधुनिक स्वदेशी सॉफ्टवेयर

ट्रेन गति विश्लेषण हुआ और भी आसान व प्रभावी

जोधपुर। भारतीय रेलवे में तकनीकी नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए, उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल ने पूरी तरह से इन-हाउस (स्वदेशी) रूप से एक उन्नत वेब-आधारित स्पीडो मीटर विश्लेषण सॉफ्टवेयर का सफल विकास किया है।

मंडल रेल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि यह सॉफ्टवेयर ट्रेन संचालन के दौरान उत्पन्न स्पीडो मीटर डेटा का विश्लेषण कर, लोको पायलट की ड्राइविंग तकनीक और गति प्रतिबंधों के अनुपालन की निगरानी करता है। इस नवाचार की पहल जोधपुर मंडल के यांत्रिक विभाग के वरिष्ठ इंजीनियर, जोगेन्द्र मीणा के नेतृत्व में पूर्णतः मंडल स्तर पर विकसित की गई है।

डीआरएम त्रिपाठी ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर को दिनांक 21 जून को जयपुर में आयोजित प्रतिष्ठित 65वीं इलेक्ट्रिकल स्टैंडर्ड्स कमेटी (ESC) बैठक में वरिष्ठ मण्डल यांत्रिक अभियंता (शक्ति)/जोधपुर, जोगेंद्र मीना द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के सदस्य (कर्षण एवं रोलिंग स्टॉक) श्री बी.एम. अग्रवाल, महाप्रबंधक/उत्तर पश्चिम रेलवे श्री अमिताभ, तथा पूरे भारतीय रेलवे से आए वरिष्ठ विभागाध्यक्ष की उपस्थिति रही। उपरोक्त प्रस्तुति को व्यापक सराहना प्राप्त हुई।

यह सॉफ्टवेयर मुख्य लोको निरीक्षक (CLI) को अब मैन्युअल डेटा विश्लेषण की आवश्यकता के बिना, कुछ ही मिनटों में सटीक, विस्तृत एवं ग्राफिकल रिपोर्ट प्रदान करता है। इस प्रणाली से ड्राइविंग पैटर्न, ब्रेकिंग तकनीक एवं गति प्रतिबंधों के पालन की वास्तविक समय में निगरानी संभव हो पाई है।

जहां पूर्व में इस प्रक्रिया में घंटों का समय और भारी मानव संसाधन लगते थे, अब यह कार्य पूर्णतः डिजिटल, तेज और प्रभावी हो गया है। यह नवाचार परिचालन दक्षता, सुरक्षा और निगरानी प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

यह प्रयास दर्शाता है कि भारतीय रेलवे के कर्मठ एवं प्रतिभावान अधिकारी नवाचार के माध्यम से उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। जोधपुर मंडल द्वारा विकसित यह सॉफ्टवेयर अब अन्य मंडलों के लिए एक मानक मॉडल और प्रेरणा स्रोत बनकर उभरा है।

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