बचपन में स्कूल लाइब्रेरी से ही बच्चों में रीडिंग हैबिट्स को बढ़ावा दें

इंडियन लाइब्रेरी एसोसिएशन की तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का समापन

जोधपुर/अजमेर। राजस्थान टेक्निकल लाइब्रेरी एसोसिएशन और जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में इंडियन लाइब्रेरी एसोसिएशन की तीन दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में 200 से अधिक लाइब्रेरियन ने भाग लिया एवं 98 से अधिक रिसर्च पेपर प्रस्तुत किये गये। जेएलएन मेडिकल कॉलेज में इंडियन लाइब्रेरी एसोसिएशन का अंतर्राष्ट्रीय वार्षिक कॉन्फ्रेंस में भारत के अलावा दक्षिण अफ्रीका व सऊदी अरब सहित कई देशों के विशेषज्ञों ने भी अपना शोध-पत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने रिसर्च क्वालिटी मेंटेन करने के लिए पब्लिकेशन एथिक्स को जरूरी बताया एवं प्लेगेरिज्म सॉफ्टवेयर का महत्व के बारें में विचार-विमर्श किया।
कॉन्फ्रेंस में जोधपुर की बिन्दु टाक ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस व लाइब्रेरी साइंस को लेकर अपना रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया। टाक ने कहा कि बचपन में स्कूल लाइब्रेरी से ही बच्चों में रीडिंग हैबिट्स को बढ़ावा देना चाहिए। नई टेक्नोलॉजी के साथ में हमें बच्चों को किताबों से जोड़कर रखना चाहिए। बच्चों की रीडिंग हैबिट्स बढ़ाकर उनका स्क्रीन टाइम कम किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि किसी भी इंसान की कामयाबी में किताबों का कही न कही योगदान जरूर होता है, फिर चाहे वह इंजीनियर हो या डॉक्टर।
कॉन्फ्रेंस के आयोजन सचिव कमर अब्बास ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में कई रिसर्च पेपर्स लाइब्रेरी प्रोफेशनल और शोधकर्ताओं द्वारा प्रजेंट किए गए जिनमें पब्लिक लाइब्रेरी, इलेक्ट्रॉनिक रिसोर्स मैनेजमेंट, सोशल मीडिया एंड नेटवर्किंग स्किल्स, फेक न्यूज़ शेयरिंग में पुस्तकालय व पुस्तकालय अध्यक्षों की भूमिका, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन लाइब्रेरी साइंस, रीडिंग हैबिट, मार्केटिंग ऑफ लाइब्रेरी प्रोडक्ट और रिसोर्सेस, रोल ऑफ लाइब्रेरी वेब पेजेस इन शेयरिंग लाइब्रेरी इनफार्मेशनस, सोशल नेटवर्किंग टूल्स,साइबर सिक्योरिटी, इंटरनेट-ऑफ़-थिंग्स, रिसर्च डाटा मैनेजमेंट एंड रोल ऑफ लाइब्रेरी, डिजिटाइजेशन ऑफ मेनू स्क्रिप्ट,  आदि पर प्रमुख रूप से चर्चा की गई।
कॉन्फ्रेंस डायरेक्टर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सेवानिवृत्त पुस्तकालय अध्यक्ष कॉन्फ्रेंस डायरेक्टर प्रो. सबाहत हुसैन ने बताया कि कोविड-19 के बाद डिजिटल इंफॉर्मेशन के बारे में जागरूकता बढ़ी है इसलिए सभी लाइब्रेरियंस को अपनी इंफॉर्मेशन डिजिटल मोड में नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ़ इंडिया से कनेक्ट करना चाहिए ताकि प्रत्येक लाइब्रेरीज की इंफॉर्मेशन सभी यूजर्स को उपलब्ध हो सके। उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि  नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ़ इंडिया, गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का एक प्रोजेक्ट है, जिसमें सभी प्रमुख डिजिटल प्रोजेक्ट एक प्लेटफार्म  एन डी एल आई  पर  अपनी इंफॉर्मेशन शेयर कर रहे हैं जिस पर 8 करोड़ के लगभग डिजिटल रिसोर्सेस फ्रिली अवेलेबल है।
कॉन्फ्रेंस के समापन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में  अजमेर नगर निगम के डिप्टी मेयर नीरज जैन ने कहा कि  इस तरह की अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कॉन्फ्रेंस अजमेर में आयोजित होना गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी ही एक ऐसी जगह है जहाँ ज्ञान सुरक्षित और ताजा रहता है, उसको कभी भी प्रयोग में लाया जा सकता है। यह हमारे समाज में पुस्तकालयों के महत्व को भी दर्शाता है इसलिए लाइब्रेरीज को दोस्त बनाना चाहिए।  
 आरटीएलऐ पेट्रन डॉ. राजकुमार भाकर ने बताया कि लाइब्रेरीज में नए नए नवाचार के माध्यम से आज पाठकों को इनफार्मेशन का अप्प्रोच बढ़ा है।  और आर टी एल ए के बारे मे बताया।
 जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल वी बी सिंह एडिशनल प्रिंसिपल डॉ संजीव माहेश्वरी, डॉ नीरज गुप्ता, डॉ रमाकांत दीक्षित, रेपोर्टियर जनरल डॉ. प्रोजेस रॉय, आईएलए प्रेजिडेंट डॉ मोहन खेरडे, सचिव ओएन चौबे व  ने भी अपने-अपने विचार प्रकट किये।

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