हम भी गांधी की तरह सपने देखें और उसे करें पूरा : प्रशांत
‘क्या तुम सपने देखते हो‘ तथा ‘आधुनिक शिक्षा में सर सैयद का योगदान‘ विषयक सेमिनार का हुआ आयोजन
जोधपुर। सपने नहीं हैं तो इंसान नहीं है, इंसान नहीं है तो समाज नहीं है, समाज नहीं है तो हम-तुम भी नहीं है। देश के विकास में अविस्मरणीय योगदान देने वालों की ऐसी कोई लिस्ट बन ही नहीं सकती जिसमें सर सैयद का नाम न हो।
ये कहना है प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक, वरिष्ठ पत्रकार एवं गांधी शांति प्रतिष्ठान केन्द्र, नई दिल्ली के अध्यक्ष कुमार प्रशांत का। वे मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी बुझावड़ के सभागार में आयोजित ‘क्या तुम सपने देखते हो‘ तथा ‘आधुनिक शिक्षा में सर सैयद का योगदान‘ विषयक सेमिनार में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।
कुमार प्रशान्त ने मौलाना आज़ाद यूनिवर्सिटी के बारे में कहा कि मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं यहां कई बार आ चुका हूं। सपनों की साझेदारी इस विश्वविद्यालय को देखकर समझ में आई और मैं सभी युवाओं से कहना चाहूंगा कि इस संस्थान में जो रचनात्मक, शैक्षिक व कल्याणकारी काम हो रहा है उसे नजदीक से देखो, समझो और ऐसा ही कुछ करने की कोशिश करें, ताकि समाज के शून्य को भरा जा सके।
उन्होंने राइट बंधुओं का उदाहरण देते हुए कहा कि बंधुओं ने पक्षियों को उड़ते हुए देखा और हवाई जहाज़ का निर्माण कर दिखाया। ऐसी शिक्षा व्यवस्था की कल्पना करें, जिसमें सभी को शिक्षा मिल सके। वो शिक्षा तक नहीं तो शिक्षा उन तक पहंुच सके।
उन्होंने कहा कि हम गांधी को सपनों का सौदागर कह सकते हैं। गांधी ने कहा कि लड़ने के लिए हथियार की जरूरत नहीं है मेरी लड़ाई में सामने वाले को मारना नहीं उसका दिल जीतना है। हमें गांधी के जीवन और उनकी शिक्षाओं को आज ज़िन्दगी में उतारने की ज़रूरत है तभी हम बिना लड़ाई, हिंसा और आपसी मनमुटाव के गांधी के प्रेम, भाईचारा और सर्वधर्म सद्भाव का संदेश दे पायेंगे।
बतौर विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध बिल्डर एवं समाजसेवी संदीप मेहता ने कहा कि विद्यार्थियों में जो कर गुज़रने का जो जुनून है उसे मैं सलाम करता हूं। हम सब प्रण लंे कि हमें भारत को भ्रष्टाचार मुक्त करना और गांधी की शिक्षाओं को आगे बढ़ाना है।
विशिष्ट अतिथि जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के प्रोफेसर डॉ भरत कुमार ने कहा कि हमें सभी इंसानों से प्रेम-भाव रखना सीखना चाहिए। कचरे वाले को कचरे वाला न कहकर, सफाई वाले से सम्बोधित करना चाहिए तभी भावनाओं का सही विकास सम्भव होगा।
विशिष्ट अतिथि जोधपुर के प्रसिद्ध आर्किटेक्ट अनु मृदुल ने युवा विद्यार्थियों से कहा कि गांधी-सैयद जैसा अंश सभी में है आप भी उनकी तरह कुछ नये विचार के साथ दुनिया की बेहतरी के लिए काम करें और रचनात्मक सोच विकसित करें।
विशिष्ठ अतिथि जयपुर से पधारी सोशल एक्टिविस्ट शबनम अज़ीज़ ने मुख्य वक्ता कुमार प्रशान्त का परिचय देते हुए बताया कि ये समिनार भविष्य के श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रमों की शुरूआत है। उन्होंने कहा कि आज की विकट स्थितियां और गैर-बराबरी की समस्याओं से निपटने के लिए हम गांधी के अहिंसा मार्ग को अपनाएं।
छात्र सिजायत खान ने ‘सर सैयद डे‘ पर इस्लामिक स्कोलर व अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जनक सर सैयद की उपलब्धियों एवं आधुनिक शिक्षा में सर सैयद का योगदन विषय पर विस्तार से भाषण दिया और एक खूबसूरत नज़्म भी पढ़ी।
कार्यक्रम प्रभारी डॉ. रेहाना बेगम ने बताया कि सेमिनार में सोसायटी अध्यक्ष मोहम्मद अली चुंदड़ीगर, कोषाध्यक्ष अताउर्रहमान कुरैशी, सदस्य मोहम्मद साबिर, महालक्ष्मी बीएड कॉलेज प्रिन्सीपल डॉ संध्या शुक्ला, यूनिवर्सिटी डीन एकेडमिक्स डॉ इमरान खान पठान, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ मरजीना, शहाबद्दीन खान, अब्दुल्लाह खालिद, साबरा कुरैशी, सीमा खान, मोहम्मद असद, मोहम्मद शाहिद, रितिका वैष्णव, किरण माथुर, भूपेन्द्र ठाकुर, जावेद शेख सहित विभिन्न संकायों के असिस्टेंट प्रोफेसर एवं स्टूडेन्ट मौजूद रहे।
इस मौके पर विश्वविद्यालय परिसर में सद्भावना अभियानकर्ता राजेन्द्र सिंह गहलोत ने विश्व शान्ति व सद्भावना फोटो प्रदर्शनी लगाकर युवाओं को प्रेरित किया। इसमें महात्मा गांधी के 15 हजार और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के 8 हजार फोटो का संकलन था।
तिलावते कुरआन छात्र उसमान गनी ने किया। धन्यवाद विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ जमील काज़मी ने दिया। संचालन यूनिवर्सिटी के डिप्टी रजिस्ट्रार मोहम्मद अमीन ने किया।