कैबिनेट मंत्री शेखावत के सहयोग से मलेशिया की जेल में बंद युवक की वतन वापसी
जोधपुर। सीकर जिले के नीम का थाना तहसील के पाटन गांव का मलेशिया की जेल में बंद युवक की ना केवल रिहाई बल्कि सकुशल वतन वापसी ने इस बात को एक बार फिर साबित कर दिया है कि विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों की सहायता के लिए मोदी सरकार हमेशा तत्पर रही है। अयूब कुरैशी जनवरी 2020 में मलेशिया गया था, जहां लॉकडाउन के समय उसे स्थानीय पुलिस ने गिफ्तार कर जेल में डाल दिया। जिसके कारण अयूब के पिता की सदमे से मौत हो गई। जानकारी होने के बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस मामले को विदेश मंत्रालय के संज्ञान में लाया। जिसके सहयोग से 28 मई 2021 को अयूब अब अपने परिवार वालों के बीच है।
अयूब के बहनोई सनवर हुसैन ने बताया कि गरीबी और तंगी से परेशान होने के कारण रोजी रोटी कमाने के लिए 4 जनवरी 2020 को अयूब कुरैशी मलेशिया चला गया। इसी दौरान मार्च में वहां लॉकडाउन लग गया। जिसके कारण अयूब अपने तीन महीने के लिए ही वैध वीजा की अवधि को आगे नहीं बढ़वा सका। जिसके बाद मलेशिया पंजारा सगई की पुलिस ने अयूब को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। काफी दिनों बाद नवंबर 2020 में जब इस घटना की जानकारी अयूब के पिता मोहम्मद सिराजुद्दीन को हुई तो उन्हें सदमा लगा, जिससे उनकी मौत हो गई।
बहनोई सनवर हुसैन ने पूरे मामले की जानकारी जोधपुर के सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को दी। मंत्री शेखावत ने इस मामले की पूरी जानकारी लेने के बाद विदेश मंत्रालय से मामले को साझा किया, साथ ही संबंधित पूरी प्रक्रिया के दौरान भी सक्रिय भूमिका निभाई। अंत में विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद मलेशिया पुलिस ने अयूब कुरैशी को जेल से रिहा कर दिया। जिसके बाद 28 मई 2021 को अयूब कुरैशी अपने परिवार वालों के बीच सकुशल पहुंच गया।