करवट भी नहीं ले पाता था, अब स्कॉर्पियो चला रहा है टीकमाराम
- वृद्ध ने ब्रेन स्ट्रोक के बाद पाई बीमारी पर विजय, जोधपुर मेें अपनी तरह का पहला मामला
जोधपुर। करीब पांच माह से तुलेसर पुरोहितान हाल पालरोड गायत्री नगर निवासी 58 वर्षीय टीकमाराम सुथार को ब्रेन स्ट्रोक के चलते हिलने-ढुलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। एमआरआई व अन्य जांच कराने पर उनके बे्रन में क्लॉट मिले जिसके चलते बोलने व चलने में लडख़ड़ाने की वजह से परिवार के तीन-तीन सदस्यों की सहायता से वे अपने रोजमर्रा के कार्य कर पाते थे। इस दौरान उनके परिवार के सदस्य फिजियोथैरेपी विशेषज्ञ आईसी चौहान के सम्पर्क में आए।
चौहान ने टीकमाराम की स्थिति को देखते हुए न्यूरोफिजिशियन डॉ. राजीव माथुर से चर्चा की। डॉ. माथुर ने एमआरआई देखी तो क्रोनिक लेटरल मैडयूलर लैक्यूनर इस्चिमिया के अलावा उसका मस्क्यूलर पॉवर पांच में से जीरो मिला। जिस पर उन्होंने दवाई लिखकर फिजियोथैरपी शुरू करने को कहा। चौहान ने दिन में दो बार प्रत्येक सत्र में दो-दो घंटे तक फिजियोथैरेपी शुरू कराई। एक्सरसाइज से टीकमाराम की स्थिति में सुधार आने लगा। आज स्थिति यह है कि वह पुन: अपनी स्कॉर्पियो बिना किसी झिझक के चला रहे है। चौहान ने कहा कि स्ट्रोक के मरीजों में आयु के हिसाब से सुधार आता है, अधिकांश मरीज केवल अपने रूटिन के काम ही कर पाते है लेकिन टीकमाराम के स्कॉर्पियो चलाने का उदाहरण जोधपुर में उनके 45 वर्ष के जॉब प्रेक्टिस का पहला केस है। उल्लेखनीय है कि डॉ. राजीव माथुर व फिजियोथैरेपी विशेषज्ञ आईसी चौहान गत बीस सालों से गोयल अस्पताल में सेवाएं दे रहे है।