सूचना प्रौद्यौगिकी और संचार विभाग, आईआईटी एवं एम्स के बीच एमओयू
सेवा भारती समाचार।
जोधपुर। जोधपुर व प्रदेश के स्टार्टअप्स को अब आईआईटी व एम्स के विशेषज्ञों का तकनीकी व मेडिकल क्षेत्र में उनके अनुभव और कौशल का फायदा मिल सकेगा। राज्य सरकार के सूचना प्रौद्यौगिकी और संचार विभाग ने प्रदेश में स्टार्टअप वातावरण को बढ़ावा देने के लिये आईआईटी व एम्स जोधपुर के साथ एमओयू किया है।
सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के अतिरिक्त निदेशक एसएल भाटी ने बताया कि एमओयू के तहत इन संस्थानों में स्थापित इन्क्युबेटर को राज्य सरकार द्वारा संचालित आई-स्टार्ट योजना के साथ जोड़ा जायेगा। ये सभी राज्य में नवाचार और उद्यमशीलता तंत्र को मजबूत और समृद्ध बनाने के लिये सहयोगात्मक रूप से मिलकर कार्य करेंगे। सरकार की ओर से राज्य के स्टार्टअप क्षेत्र को विकसित करने और इसे आवश्यक गति प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। किसी नये स्टार्टअप को एक बेहतर और सफल उद्यमी बनाने के लिये आई स्टार्ट योजना के अंतर्गत इन्कयूबेशन सेंटर संचालित किए जा रहे हैं जिसमें स्टार्टअप्स को इन्क्यूबेशन सपोर्ट और मेंटरिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही स्टार्टअप को विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराये जाते हैं ताकि वे व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा में अपने नवाचार और उद्यमशीलता को विकसित करते हुए एक नया मुकाम स्थापित कर सकें। अपने व्यव्साय के लिये पूंजी लागत जुटाने के लिये वेंचर केपीटलिस्ट (वीसी) और इन्वेस्टर्स से समन्वय स्थापित करने में भी इन्क्यूबेशन प्रोग्राम के माध्यम से मदद दी जाती है। इन्कयूबेशन सेंटर जोधपुर के प्रभारी व उपनिदेशक जेपी ज्याणी ने बताया कि आईआईटी व एम्स जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के आई-स्टार्ट योजना से जुडऩे से प्रदेश के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को और बल मिलेगा। चुंकि मेडीकल और प्रौद्यौगिकी नवाचारों के क्षेत्र में ये संस्थान अग्रणी भूमिका निभाते हैं, उनके व्यापक अनुभव और संसाधनों का लाभ राज्य के स्टार्टअप्स को मिल पाएगा। इस एमओयू के माध्यम से नॉलेज एक्सचेंज प्रोग्राम, इनोवेशन और स्टार्टअप एक्सचेंज तथा फैकल्टी और मेंटर्स की सेवाओं का आदान-प्रदान होगा, साथ ही आईआईटी व एम्स पारस्परिक रूप से प्रौद्योगिकी, ज्ञान और प्रबंधन संबंधित अपनी संस्थागत विशेषज्ञता का सहयोग राज्य में स्टार्टअप्स को एक बेहतर माहौल प्रदान करने की दिशा में करेंगे।