छूआछूत मानवता पर कलंक: कमल मुनि
सेवा भारती समाचार
जोधपुर। मानव मात्र की नसों में लाल खून होता है, शरीर की रचना भी समान होती है, किसी कुल अथवा जाति में जन्म लेने मात्र से ऊंचा या नीच मानना साक्षात परमात्मा का अपमान करने के समान है। उक्त विचार संत कमलमुनि कमलेश ने कोरोना मुक्ति आध्यात्मिक प्रशिक्षण केंद्र महावीर भवन नेहरू पार्क में कोरोनावायरस योद्धा सफाई कर्मचारियों के अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि कोई जाति से ऊंचा या नीचा नहीं होता है उच्च कुल में जन्म लेकर बुरे काम करता है वह नीचे है और सामान्य कुल में जन्म लेकर महान काम करता है विश्व पूजनीय बन सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विश्व का कोई भी धर्म मानवता में भेद के बात करने की इजाजत नहीं देता है। जातिवाद के आधार पर छूआछूत मानवता पर कलंक धर्म के नाम पर अभिशाप है। मुनि कमलेश ने कहा कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी छूआछूत का भूत जिंदा होना एक चुनौती है और धार्मिकता की दवाई देने वालों के मुंह पर करारा तमाचा है। संत ने तथाकथित नेताओं पर जातिवाद का जहर फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मानवीय रिश्तो में जहर न घोले। नफरत के कीटाणु अणु बम परमाणु बम से भी खतरनाक है। मानव जन्म से नहीं कर्म से महान होता है। इस अवसर पर श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की ओर से सभी सफाई कर्मचारियों का अभिनंदन किया गया।