सेवा का जज्बा उम्र का मोहताज नहीं : कारवां
- 83 वर्षीय कमला कोचर अपने पूरे परिवार के साथ जुटी सेवा में
जोधपुर (सेवा भारती समाचार)। देश मे कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन के चलते रोज कमाकर खाने वाले लोगों को खाने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जोधपुर के कई परिवार, स्वयंसेवी संस्थाएं और सामाजिक कार्यकर्ता अपने अपने स्तर पर लोगों तक भोजन पहुँचा रहे हैं। हेल्पिंग हैंड्स संस्था के संस्थापक अध्यक्ष रफ़ीक़ कारवां ने बताया कि उम्मेद हेरिटेज निवासी 83 वर्षीय श्रीमती कमला कोचर और उनका पूरा परिवार स्वयं खाना बनाकर रोजाना 50 खाने के पैकेट जरूरतमंदों तक पहुंचा रहे है। परिवार में विमल कोचर, सुनीता कोचर, महेश कोचर, मधु कोचर और महक कोचर अपने हाथों से रोजाना खाना बनाकर सेवा का उत्सव मना रहे हैं।
सेवा जज्बा अगर दिल हो तो उम्र मोहताज नहीं होती है। 83 वर्षीय कमला कोचर जरूरतमंद सेवा के लिए कभी पीछे नहीं हटती है और उनके दिलकश सेवा को देखकर हर कोई उन्हें सेल्यूट मारने पर विवश हो जाते हैं। उम्र के इस पड़ाव में भी 83 वर्षीय कमला कोचर का सेवा का जज़्बा काबिले तारीफ है। जे.के. कोचर परिवार कई वर्षों से हेल्पिंग हैंड्स संस्था के कई सामाजिक सरोकार के कार्यों में सहयोगी रहा है। रफीक कारवां ने बताया कि दो दिन बाद संस्था की तरफ से जोधपुर के चिन्हित जरूरतमंदों को 500 खाने के पैकेट प्रतिदिन वितरण करेंगे। संयोजक नमीरा शेख ने बताया कि इस पुनीत कार्य में आमीन कारवां, प्रदीप माथुर, मोहम्मद साजिद, शम्मीउल्लाह खान, मंजूर अली, मोहसिन अंसारी, रशीद बस्सी, मोहसिन गौरी, आबिद कारवां, अब्दुल गनी, फाइव स्टार ग्रुप आदि का सहयोग रहा।