मन को सुंदर बनाने से होगा पर्युषण पर्व सार्थक: राष्ट्र-संत श्री चन्द्रप्रभ
संबोधि धाम में रविवार को मनाया जाएगा भगवान महावीर का जन्म कल्याणक महोत्सव
जोधपुर। राष्ट्र-संत श्री चन्द्रप्रभ जी ने कहा कि जो वातावरण को खराब करें, उसे प्रदूषण कहते हैं, जो तन को सुंदर करें, उसे आभूषण कहते हैं, पर जो क्रोध, मान, माया और लोभ रूपी मन की गंदगी को साफ करें, उसे पर्युषण कहते हैं। मन सुंदर बन गया, समझो पर्युषण पर्व सार्थक हो गया। याद रखें, परमात्मा का निवास किसी मंदिर में नहीं, निर्मल और पवित्र मन में हुआ करता है। मन अगर सुंदर है तो जिंदगी सुंदर है और मन अगर खराब है तो जिंदगी खराब है।
कायलाना रोड स्थित संबोधि धाम में संतश्री चन्द्रप्रभ ने कल्पसूत्र धर्मशास्त्र पर संबोधित करते हुए कहा कि मन उस क्षीर सागर की तरह है, जहां जहर भी पैदा होता है और अमृत भी। अगर हमने मन को सुधारने की कोशिश की तो जीवन अमृत बन जाएगा अन्यथा उसे जहर बनते देर नहीं लगेगी। हम अगर अपने मन को चंदनबाला बना लें तो महावीर का मिलना तय है।
शनिवार को पर्युषण पर्व के चौथे दिन भगवान महावीर का दिव्य जीवन एवं पूर्व भव पर सत्संगप्रेमियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर को अपने कानों में कीलें इसलिए खानी पड़ी क्योंकि उन्होंने पूर्व भव में अपने सेवक के कानों में खोलता हुआ शीशा डलवा दिया था। जब तीर्थंकर पुरुषों को भी किए गए कर्मों का फल भोगना पड़ता है तो हम किस बाग की मूली है। इसलिए हम कर्म करते समय सावधान रहें। याद रखें हम कर्म करने में स्वतंत्र है, पर उसे वापस भोगने में परतंत्र हो जाते हैं। हमें चाहिए कि हम ऐसे कर्मों के बीज न बोएं कि जिनकी फसल काटते वक्त हमें खेद और ग्लानि का अनुभव करना पड़े।
संतप्रवर ने कहा कि कपड़े बदलकर संत बनना आसान है, पर व्यक्ति संत उस दिन बनता है, जब उसका स्वभाव बदल जाता है। इसके लिए हम हाथ में दान का, दिल में दया का और जुबान में मिठास का अमृत रखें व अपनी कमाई का ढाई प्रतिशत भाग पुण्य कार्यों में अवश्य लगाएं। आप अपने बच्चों के लिए भले ही बादाम की व्यवस्था कर लें, पर गरीब पड़ोसी बच्चे के लिए कम से कम मूंगफली की व्यवस्था करने का सौभाग्य ले ही लें। याद रखें, कमाता तो हर कोई है, पर ईश्वर की जब कृपा होती है, तब व्यक्ति सत्कार्यों में धन लगा पाता है।
प्रवचन से पूर्व संबोधि धाम में पवित्र धर्मशास्त्र कल्पसूत्र के सम्मान में शोभायात्रा निकाली गई। संबोधि धाम के अध्यक्ष सुखराज मेहता ने बताया कि रविवार 28 अगस्त को सुबह 9.15 बजे पर्युषण के पाँंचवें दिन राष्ट्र-संत श्री चन्द्रप्रभ के सान्निध्य में भगवान महावीर का जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा, जिसमें चौदह स्वप्नों को उतारा जाएगा एवं पालना झुलाया जाएगा।