कुल की रस्म के साथ लतीफ शाह का उर्स संपन्न
जोधपुर। आफताबे जोधपुर शहंशाहे विलायत हजरत ख्वाजा अब्दुल लतीफ शाह रहमतुल्लाहि अलैहि का 118वां उर्स कुल की रस्म के साथ सम्पन्न हो गया है। उर्स अक़ीदत व एहतराम के साथ मनाया गया। कुल की रस्म में देश में अमनो-अमान की दुआ की गई।
दरगाह नाजिम पीर मोहम्मद अबुल हसन मीनाई ने बताया कि उर्स के मौक़े पर अमजेर दरगाह ख्वाजा गरीब नवाज के सज्जादानशीन दीवान जैनुल आबेदीन के खलीफा सैयद नसीरूद्दीन चिश्ती और उनके छोटे भाई सैयद एतेमादुद्दीन चिश्ती के साथ सैयद हबीबुर्रहमान नियाजी और पीरजादा गुलाम नजमी फारूकी ने दरगाह पर हाजरी दी और अकीदत के फूल पेश कर बड़ी महफिल में शिरकत की। इस अवसर पर दरगाह कमेटी की ओर से मेहमानों का स्वागत किया गया। समाजसेवी प्रो. अय्यूब खान ने भी उर्स के मौक़े पर दरगाह पहुुंचकर देश में अमनो अमान और तरक्की के लिए दुआ की। प्रोफेसर खान ने नाजिम अबुल हसन मीनाई के साथ कई मुद्दों पर विचार विमर्श किया।
दरगाह प्रवक्ता अमजद खान ने बताया कि उर्स में सेवाए देने वाले छोटू उस्ताद, मेहरदीन, मौलाना अबुल कलाम नूरी, रिजवान खान, पीर कमरूल हसन, पीर अब्दुल रज्जाक मीनाई, पीर कारी जावेद मीनाई, मोहम्मद अय्यूब मीनाई, असलम मीनाई, रहमान खान, राजू चिश्ती, अय्यूब खान, आरिफ खान लतीफी, जियाउद्दीन खान, नासिर सुलैमानी, साबिर लतीफी, रमजान मीनाई, आदिल खान लतीफी, नोशाद खान लतीफी, इकरार अहमद, हिदायतुल्लाह खान की नाजिमे आला के हाथों दस्तारबंदी की गई।