देश में 68 प्रतिशत शुष्क भूमि: बालोच

जोधपुर। शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (आफरी) में तीन दिवसीय मरूस्थलीय एवं अवक्रमित भूमि की पर्यावरण बहाली पर ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है।
आफरी निदेशक एमआर बालोच ने कहा कि संस्थान मुख्य रूप से जैव विविधता संरक्षण, वृक्ष सुधार कार्यक्रम, जैव प्रौद्योगिकी, बालू के टीलों, नमक से प्रभावित और खनन वाली भूमि, जंगलों और वृक्षारोपण के प्रबंधन, गैर लकड़ी वन उत्पादों, जैव उर्वरक और उसके प्रबंधन के लिए तकनीकी पैकेजों के विकास में अपने वानिकी अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करता रहा है। भारत में शुष्क भूमि देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 68 प्रतिशत है एवं भूमि क्षरण के कारण भूमि उत्पादकता में कमी विशेष रूप से शुष्क क्षेत्रों में एक आम घटना है।
मुख्य अतिथि भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् देहरादून के महानिदेशक डॉ. एएस रावत ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन में कॉम्बेट डेजर्टिफि केशन के लिए एक हस्ताक्षरकर्ता होने के नाते, भारत अपनी भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। देश का लक्ष्य 2030 तक भूमि क्षरण की तटस्थ स्थिति प्राप्त करना है। कोर्स समन्वयक आफरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक शेराराम बालोच ने विचार रखे। कार्यक्रम में 51 वैज्ञानिक एवं तकनीकी कर्मचारी सम्मिलित हुए हैं।

Show More

Gulam Mohammed

(EDITOR SEVA BHARATI NEWS) ==> Seva Bharti News Paper Approved Journalist, Directorate of Information and Public Relations, Rajasthan, Jaipur (Raj.), Mobile 7014161119 More »

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button