राजस्थान में नर्सिंग अधिकारियों का काली पट्टी आंदोलन, निविदा भर्ती के खिलाफ उठी आवाज
302 नर्सिंगकर्मियों की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी पर जताया विरोध, गांधीवादी तरीके से शुरू हुआ आंदोलन
राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन ने की स्थाई भर्ती की मांग, पेरामेडिकल संगठन भी शामिल
जोधपुर। राजस्थान में नर्सिंग अधिकारियों ने निविदा भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ अपना पहला चरण शुरू कर दिया है। राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन जोधपुर के अध्यक्ष विजेंद्र सिंह मेड़तिया के नेतृत्व में 302 निविदा नर्सिंग कर्मियों की भर्ती के विरोध में आज से काली पट्टी बांधकर काम करने का निर्णय लिया गया है। यह आंदोलन गांधीवादी तरीके से किया जा रहा है।
संघर्ष समिति के संयोजक सुरेन्द्र चौधरी के निर्देश पर, विभिन्न चिकित्सालयों में नर्सिंग कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया। महात्मा गांधी अस्पताल में राजू सिंह, मथुरादास माथुर अस्पताल में श्रीगोपाल व्यास, उम्मेद अस्पताल में गजेन्द्र शेखावत, और कमला नेहरू अस्पताल में जीतेन्द्र बड़वाल के नेतृत्व में यह आंदोलन चल रहा है। अगले चार-पांच दिन तक इसी तरह काली पट्टी बांधकर विरोध जारी रहेगा।
सह संयोजक जगदीश जाट ने बताया कि निविदा भर्ती प्रक्रिया में न तो पारदर्शी चयन है, न कोई नियम और न ही कोई ऑनलाइन प्रक्रिया। हजारों लोगों ने फॉर्म भरे हैं, लेकिन किसी को रसीद या नंबर नहीं दिया गया। चर्चा है कि विभिन्न फर्मों द्वारा बैक डोर एंट्री और लेन-देन के माध्यम से भर्ती की जा रही है, जिससे योग्य उम्मीदवारों को मिलने की संभावना कम हो रही है।
उप संयोजक बसंत रॉयल ने कहा कि निविदा भर्ती के माध्यम से धीरे-धीरे स्थाई पदों को खत्म किया जा रहा है और निजीकरण की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। पेरामेडिकल संगठन ने भी इस आंदोलन में भाग लेकर सरकार से मांग की है कि इस भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर स्थाई भर्ती की जाए।
राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन जोधपुर शहर के अध्यक्ष विजेंद्र सिंह मेड़तिया ने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।