नासा-इसरो के निसार की पृथ्वी पर रहेगी पैनी नजर
निसार समुद्री बर्फ और चुनिंदा महासागरों सहित वैश्विक भूमि और बर्फ से ढकी सतहों की तस्वीरें लेगा
श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के बीच साझेदारी के तहत बुधवार शाम श्रीहरिकोटा से ‘निसार’ उपग्रह को प्रक्षेपित किया गया। इसरो के जीएसएलवी एफ-16 रॉकेट ने लगभग 19 मिनट की उड़ान के बाद, करीब 745 किलोमीटर की दूरी पर निसार (नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार) को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। यह 2393 किलोग्राम वजनी पृथ्वी अवलोकन उपग्रह, नासा या इसरो द्वारा प्रक्षेपित अब तक की सबसे उन्नत रडार प्रणाली है। इसे वैश्विक स्तर पर ‘माइक्रोवेव इमेजिंग’ के उद्देश्य से विकसित किया गया है। निसार में नासा द्वारा उपलब्ध कराया गया एल-बैंड रडार और इसरो द्वारा डिजाइन किया गया एस-बैंड रडार है। इससे प्राप्त डेटा से वैज्ञानिकों को पृथ्वी पर हो रहे परिवर्तनों को समझने में मदद मिलेगी। यह दिन-रात और हर मौसम में हाई रेजोल्यूशन तस्वीरें लेने में सक्षम है। मिशन का प्राथमिक उद्देश्य अमेरिकी और भारतीय वैज्ञानिक समुदायों के साझा हित वाले क्षेत्रों में भूमि पारिस्थितिकी तंत्र और महासागरीय क्षेत्रों का अध्ययन करना है।