डॉ. शाहनवाज टीम की सूझबूझ से बचाई नवजात की जान
सही समय पर नवजात का ब्लड एक्सचेंज ट्रांसफ्यूजन कर दिया नया जीवन
डीडवाना । कहते है डॉक्टर भगवान का रूप होते है ऐसा ही एक मामला राजस्थान के डीडवाना के राजकीय अस्पताल में देखने को मिला जहां एक नवजात बच्चे का एसएनसीयू वार्ड में ब्लड एक्सचेंज ट्रांसफ्यूजन किया गया । जिसमें बेबी ऑफ अनिशा का बिलीरुबिन 30 प्लस हो गया था और बच्चे की हालत काफी गंभीर थी तथा जान का खतरा बना हुआ था उसमें बच्चों के डॉ सीपी नागोरा, डॉ विशाल बुरडक, डॉ. शाहनवाज खान और नर्सिंग ऑफिसर सुनील रलिया ओर विनोद ज्यानी के साथ ब्लड बैंक टीम के डॉ. शिप्रा सिंह, अमरीश माथुर, अरशद सिद्दीकी ,असगर अली और पूरी टीम ने तुरंत प्रभाव से रक्त उपलब्ध करवाया । पूरी टीम की कड़ी मेहनत के बाद बच्चों के रक्त को बदलकर दूसरा रक्त चढ़ाया गया तथा बच्चों की जान बचाई गई । इस मौके पर बच्चों के माता-पिता ने डॉक्टर शाहनवाज खान और टीम को धन्यवाद दिया।
एक डॉ के साथ एक अच्छे लेखक भी है डॉ. शाहनवाज
डीडवाना का बांगड़ अस्पताल में है डॉक्टर शाहनवाज खान बच्चों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर के साथ एक अच्छे लेखक भी हैं लोगों की सेवा में हमेशा तत्पर रहते हैं सुफियान अंदाज है शेरों और शायरी लिखने का बड़ा शौक है । आपको बड़े-बड़े मुशायरे अपनी बेहतरीन शायरी के लिए भी जाना जाता है ।
ब्लड एक्सचेंज ट्रांसफ्यूजन क्यों किया जाता है ?
एक्सचेंज ट्रांसफ्यूजन पीलिया या सिकल सेल एनीमिया जैसी रक्त विकारों जैसी स्थितियों के लक्षणों को कम करने या रोकने में मदद कर सकता है ।
पीलिया तब होता है जब आपके शरीर में बिलीरुबिन नामक रसायन बहुत अधिक मात्रा में जमा हो जाता है। इससे त्वचा और आंखों का सफेद भाग पीला पड़ सकता है।
जीवन के पहले कुछ हफ्तों के दौरान नवजात शिशुओं में यह काफी आम है , खासकर गर्भावस्था के 38वें सप्ताह से पहले पैदा हुए बच्चों में।
सिकल सेल रोग (एससीडी) रक्त स्थितियों का एक समूह है जिसके कारण लाल रक्त कोशिकाएं सख्त हो जाती हैं और अर्धचंद्राकार हो जाती हैं। यह आकार उन्हें संचार प्रणाली के माध्यम से ठीक से प्रवाहित होने से रोकता है, जिससे केशिकाओं में रुकावट पैदा होती है।