बच्चों का भविष्य सँवारने सामूहिक सहभागिता जरूरी : श्रीमती संगीता बेनीवाल

जोधपुर। बच्चों के सुनहरे भविष्य को आकार प्रदान करने के लिए राज्य सरकार के बाल अधिकारिता विभाग, यूनिसेफ एवं पीसीसीआरसीएस के संयुक्त तत्वावधान में प्रदेश में संचालित यात्रा के अन्तर्गत जोधपुर जिले की बिलाड़ा पंचायत समिति क्षेत्र में पिछले सत्रह दिनों से जारी सातवें चरण की बाल संरक्षण संकल्प यात्रा गुरुवार को सम्पन्न हो गई।

इस अवधि में क्षेत्र के ग्राम्यांचलों में 91 हजार 219 ग्रामीणों से सीधा संवाद कायम कर 562 जरूरतमन्द परिवारों को सामाजिक सुरक्षा एवं लोक कल्याण सरोकारों से संबंधित विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया गया।
इसके समापन अवसर पर बिलाड़ा पंचायत समिति मुख्यालय स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रांगण में विशाल जिलास्तरीय बाल संरक्षण संकल्प मेला आयोजित हुआ।
इस अवसर पर अतिथियों के रूप में उपस्थित राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल, बिलाड़ा पंचायत समिति की प्रधान प्रगतिकुमारी ख्ेाजड़वाल, गांधीवादी चिन्तक संदीप पुरोहित एवं विकास अधिकारी पेमाराम पन्नुसा ने विभिन्न स्पर्धाओं में विजेताओं को प्रशस्ति पत्र एवं शील्ड प्रदान कर सम्मानित किया। समारोह की शुरूआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई।

इन्हें किया गया पुरस्कृत
बाल संरक्षण संकल्प मेले में आयोजित विभिन्न स्पर्धाओं में विजेताओं को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।
पुरस्कार पाने वालों में हितेश चौधरी, कविता कुमावत, चंदन, नेहा, नरेश घायल, अंजू कुमावत, सोनी, आयशा, टीना प्रजापत, योगेंद्र झाझरिया, प्रियंका शर्मा, तनीषा आचार्य, खुशबू सेन, पायल, सुरभि, रुचिका, भूमिका, करिश्मा, पूजा, सरस्वती, पूजा राठौर, सिमरन, सानिया, पूजा पटेल, मीनाक्षी, श्रवण कुमार जैन, महेंद्र सिंह परिहार एवं लक्ष्मी गहलोत शामिल हैं।

लोक चेतना का व्यापक विस्तार जरूरी
राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा श्रीमती संगीता बेनीवाल ने बच्चों को देश का भविष्य बताते हुए उनके सर्वांगीण विकास के लिए हरसंभव प्रयास हर स्तर पर किए जाने की आवश्कता जताई और कहा कि इसके लिए सामाजिक एवं क्षेत्रीय स्तर पर भी व्यापक लोक चेतना का विस्तार जरूरी है।
श्रीमती बेनीवाल ने बाल संरक्षण संकल्प यात्रा के माध्यम से सघन अभियान चलाकर बच्चों के अधिकारों के बारे में व्यापक लोक जागरण की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों एवं उनके अभिभावकों के साथ ही ग्रामीणों का भी दायित्व है कि बाल अधिकारों के प्रति अपने क्षेत्र में अलख जगाने में भागीदारी निभाएं और बच्चों के दायित्वों के प्रति भी जागरुक रहें। इसके साथ ही शिक्षा एवं जागरुकता के माध्यम से नई पीढ़ी को उन्न्त तथा समाज को ख्ुाशहाल बनाने में सहभागिता निभाएं।
उन्होंने बालिकाओं से चुप्पी तोड़कर अधिकारों के लिए आगे आने के किए प्रेरित करते हुए गुड टच और बेड टच के बारे में जानकारी देते हुए बच्चों पर हो रहे अपराधों को रोकने की शुरुआत करने की सीख दी।

संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरुक रहें बच्चे
समारोह को संबोधित करते हुए प्रधान प्रगति कुमारी खेजड़ला ने बच्चों से कहा की बेटियों की शादी 18 वर्ष से कम और बेटे की 21 वर्ष से कम नहीं करने के लिए अपने माता-पिता को प्रेरित करें। लड़कियों की बालिग होने पर ही शादी करें और माता-पिता नहीं मानें तो उनका विरोध करें। यह बच्चों का अपना संवैधानिक अधिकार है।

बच्चों से जुड़ी कुरीतियों का उन्मूलन सर्वोपरि आवश्यक
गांधीवादी चिन्तक संदीप पुरोहित ने बाल विवाह जैसी कुरीतियों को जड़ से उखाड़ने का आह्वान करते हुए महात्मा गांधी के इस कथन को उद्धृत किया कि शिक्षा के बिना आजादी अधूरी है। उन्होंने कहा कि बेटियों के लिए आमजन में सम्मान का भाव बढ़ा है। समारोह में इतनी बड़ी संख्या में एकत्रित बच्चों एवं ग्रामीणों की ओर मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि यह बच्चों के अधिकारों और उनके संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता का संकेत है और यह स्थिति बच्चों के भविष्य के लिए सुकूनदायी शुभ संकेत है।

उल्लेखनीय उपलब्धि पायी यात्रा ने
बाल संरक्षण संकल्प यात्रा के प्रदेश संयोजक विपीन तिवाड़ी ने जोधपुर जिले में विगत 17 दिन तक संचालित यात्रा की उपलब्धियों का ब्यौरा पेश करते हुए विभिन्न योजनाओं में लाभान्वितों की सूची प्रस्तुत करते हुए योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के किए सरपंचों को प्रशिक्षण दिलाये जाने की आवश्यकता बताई।

बिम्बों और शब्दचित्रों के माध्यम से अभिव्यक्ति
बाल मेले में बाल हिंसा, बाल विवाह बाल यौन उत्पीड़न जैसे मुद्दों पर बच्चों ने कैनवास पर कूंची से सपनों के रंग भरकर अपने मन की कल्पनाओं को बिम्ब दिए। बच्चों ने निबंध लिखकर अपनी दिली भावनाओं को अभिव्यक्त किया।

’छोटी उमर की शादी’ नाटक ने किया भाव विह्वल
इस दौरान बालिकाओं ने बाल विवाह पर मार्मिक नाटक प्रस्तुत कर बड़ी संख्या में उपस्थित दर्शकांे को मंत्रमुग्ध कर दिया। बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत नाटक ’छोटी उमर की शादी’ की भावपूर्ण प्रस्तुति ने सभी उपस्थितजनों को भाव विह्वल कर सोचने के लिए मजबूर कर दिया। बालिकाओं ने छोटी उम्र में बेटियों को पढ़ा देने और कम उम्र में नासमझी में मां बन जाने और उसके दुष्परिणामों पर आधारित लघु नाटिका में बालिकाओं ने शानदार अभिनय कर दर्शकों को भावविभोर कर दिया। नाटक के माध्म से ‘‘ बेटियों को पढ़ने दें, सपनों की उड़ान भरने दें, उसे पूरा करने का मौका दें’’ आदि का संदेश मुखरित किया गया।
बाल कलाकारों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर मन मोह लिया। बाल प्रतिभाओं के मनोहारी प्रदर्शन पर तालियों की गड़गड़ाहट से पांडाल गूंज उठा।

आवेदनों का निस्तारण
मेले मे विभिन्न विभागों ने स्टाल लगाकर 16 ग्राम पंचायतों में ग्राम भ्रमण कार्यक्रम के अन्तर्गत प्राप्त किए गए पात्र व्यक्तियों के विभिन्न आवेदनों का निस्तारण किया गया।
समारोह के अन्त में बाल अधिकारिता विभाग, जोधपुर के सहायक निदेशक बी.एल. सारस्वत ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
समारोह में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी रमेश पंवार, जिला सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी आकांक्षा पालावत, ब्लॉक सरपंच संघ अध्यक्ष मनोहर सिंह भाटी, समाजसेवी शिव प्रकाश मेघवाल, प्रधानाचार्य संगीत श्रीवाल. पीसीसीआरसीएस के सीईओ अजय कुमार सहित कई गणमान्य महानुभाव उपस्थित रहे।

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