विधवा सोहिनी ने पुनर्विवाह कर बसाया नया संसार
जोधपुर। कहाँ तो तय था कि नियति के कहर से उपजे वैधव्य के बाद सूने-अंधेरे जीवन के अभिशापों के साये में जीते हुए जिन्दगी यों ही गुजार देना, और कहाँ राज की योजना ने वो मुकाम दे दिया जहाँ से फिर शुरू हो चली संसार की सुनहरी डगर दाम्पत्य के रस-रंगोंभरी।’’ जोधपुर की एक महिला के साथ ऎसा ही कुछ हुआ। महिला सशक्तिकरण की दिशा मेंं सरकार के प्रयासों की बदौलत वह अपने बच्चों के साथ फिर से खुशियों भरी जिन्दगी की डगर पा गई। कई सारे घुमावदार मोड भरी करुण कहानी कुछ इस तरह है। करीब 4 माह पूर्व महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र(पश्चिम) जोधपुर में एक 27 वर्षीया महिला सोहिनी अपने 4 एवं 6 वर्ष के दो बच्चों के साथ आयी और अपनी पूरी व्यथा-कथा बताई।
- नियति ने ढाया कहर सोहिनी ने बताया कि एक वर्ष पूर्व उसके पति लक्ष्मणदास वैष्णव के देहान्त के बाद से ही उस पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उसने बताया कि पति की मौत के बाद करीब साल भर तक ससुराल में सबका व्यवहार ठीक रहा परन्तु बाद में नकारात्मक बदलाव आने लगा। पति के क्लैम के पैसे भी ले ससुराल वालों ने ले लिए और प्रार्थिया को ताने देते हुए परेशान करने के साथ ही बच्चों के साथ भी खराब बर्ताव शुरू कर दिया। बच्चों की देखरेख की बात कही तो घर से बाहर निकाल दिया।
- परामर्श केन्द्र ने दिखायी राह इसके बाद पीहर पहुंची तो अपनी सौतेली माँ के अनुचित व्यवहार के कारण घुट-घुट कर जीने को विवश रही। इन विषम हालातों की मारी सोहिनी ने केन्द्र में बताया कि अब वह बहुत हताश एवं निराश हो चुकी है और ऎसी स्थिति में बच्चों का पालन-पोषण कर पाने में असमर्थ होने के कारण उन्हें अनाथ आश्रम में छोड़ कर दूसरा विवाह करने की इच्छा जाहिर की। केन्द्र द्वारा इस बारे में सीडब्ल्यूसी में बात की गई ताकि बच्चों को अनाथ आश्रम न भेजकर सीडब्ल्यूसी में दाखिल किया जाए, जहां उनकी देखभाल एवं शिक्षा में किसी तरह की अड़चन न आए। पुनर्विवाह की उसकी मंशा को देखकर केन्द्र द्वारा कई बार उसे परामर्श करके समझाया गया कि किसी ऎसे व्यक्ति से विवाह करे जो उससे शादी भी कर लें और बच्चों को भी अपना ले। इस समझाईश पर सोहिनी ने कहा कि ऎसा व्यक्ति मिलना मुश्किल है जो न केवल एक विधवा से शादी करे बल्कि उसकी संतानों को भी बिना शर्त पिता का प्यार दे सके।
- यों हुई राह आसान केन्द्र परामर्शदाता ने इस मामले जटिलता को देखते हुए सोहिनी के पिता को केन्द्र पर बुलाया और मामले के विश्लेषण का पूरा का पूरा निचोड़ उसके पिता के सामने रखते हुए सोहिनी के लिए उसकी मंशा के अनुरूप वर की तलाश करने को कहा। काफी तलाशने के बाद सेाहिनी के लिए मन मुताबिक उपयुक्त सज्जन मिल गए जो कि शादी के साथ ही बच्चों को पिता का प्यार देने में सहमत थे।
- नए सफर के लिए जताया खूब-खूब आभार फिर क्या था। परामर्शदाता की समझाईश और पिता की पहल पर गत माह 16 अप्रेल को सोहिनी का पुनर्विवाह हुआ और नए सुनहरे सफर पर बढ़ चली। सोहिनी के पिता ने अपनी बिटिया की ओर से केन्द्र के सभी कार्मिकों तथा परामर्शदाता के प्रति खूब-खूब आभार जताया और कहा कि उनकी समझाईश और समुचित कांउसलिंग की बदौलत आज सोहिनी ने नये जीवन में प्रवेश कर लिया है।
- मिलेगा इस योजना का लाभ महिला अधिकारिता विभाग के उप निदेशक श्री फरसाराम विश्नोई के अनुसार इस मामले की जानकारी मिलने पर महिला अधिकारिता विभाग के संरक्षण अधिकारी ने सोहिनी को प्रोत्साहित किया और इन्दिरा महिला शक्ति केन्द्र द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित विधवा पुनर्विवाह उपहार योजना के अन्तर्गत आर्थिक सहायता के लिए आवेदन के बारे में जानकारी दी। विधवा पुनर्विवाह का साहसिक कदम उठाने वाली सोहिनी आज सम्मानजनक एवं खुशहाल दाम्पत्य जीवन का सुकून पाते हुए महिला सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करना नहीं भूलती।