ठाकुर नाहरसिंह जसोल कवि काग पुरस्कार से सम्मानित

जोधपुर। भारतीय कवि, लेखक, गीतकार और पद्मश्री से सम्मानित दुला भया काग के नाम से दिया जाने वाला गुजरात का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार कवि काग अवार्ड बाड़मेर जिले के जसोल गांव में जन्मे वरिष्ठ साहित्यकार, हिन्दी, राजस्थानी के ख्यातनाम लेखक, सम्पादक, अनुवादक एवं मारवाड़ रतन सम्मान से सम्मानित ठाकुर नाहरसिंह जसोल को कवि काग के मूल गांव में पूज्य संत मोरारी बापू द्वारा प्रदान किया गया। उन्हें यह सम्मान चारण साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के उपलक्ष में प्रदान किया गया।
सन् 1902 में गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र के सोढ़वड़ी गांव में चारण (गढ़वी) परिवार में जन्मे दुला भाय काग को मुख्य रूप से हिन्दू धर्म से संबंधित आध्यात्मिक कविता पर कार्य के लिए जाना जाता है। भारत सरकार द्वारा उन्हें वर्ष 1962 में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया था। उनके परिवार द्वारा गठित ट्रस्ट में पद्मश्री दुला भाय काग के नाम से प्रतिवर्ष कई कार्यक्रम और चैरिटी का आयोजन किया जाता है। इसी ट्रस्ट द्वारा लोक गायकों और साहित्यकारों को संगीत और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रतिवर्ष कवि काग अवार्ड से सम्मानित किया जाता है। प्रतिवर्ष यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रसिद्ध संत पूज्य मोरारीजी बापू द्वारा स्वयं प्रदान किया जाता है। वरिष्ठ साहित्यकार ठाकुर नाहरसिंह जसोल द्वारा अब तक हिन्दी, राजस्थानी, इतिहास, साहित्य व पुरा संस्कृति पर लगभग 35 पुस्तकों का लेखन, सम्पादन व अनुवाद कर चुके है। 85 वर्ष की अवस्था में भी आप निरन्तर साहित्य सृजन में लगे है।
कवि काग पुरस्कार मिलने पर मंच से ही भाव विभोर होते हुए वयोवृद्ध साहित्यकार ठाकुर नाहरसिंह जसोल ने घोषणा की कि डिंगल साहित्य के जाने माने उद्भट विद्वान स्व. डॉ. शक्तिदान कविया की स्मृतियों को संजोने हेतु प्रतिवर्ष एक व्याख्यानमाला का आयोजन हेतु पुरस्कार की समपूर्ण राशि समर्पित करता हूं।

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Gulam Mohammed

(EDITOR SEVA BHARATI NEWS) ==> Seva Bharti News Paper Approved Journalist, Directorate of Information and Public Relations, Rajasthan, Jaipur (Raj.), Mobile 7014161119 More »

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